निजामुद्दीन मरकज में 1,746 लोगों के बीच रहे 261 विदेशी नागरिक
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नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पूरे भारत में जनता कर्फ्यू की घोषणा करने से एक दिन पहले 21 मार्च को तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में 1,746 लोग थे जिनमें 261 विदेशी नागरिक शामिल थे।
इसके अतिरिक्त, सरकार का कहना है कि लगभग 824 विदेशी नागरिक 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में तब्लीग (चिल्ला) गतिविधियां में शामिल रहे थे।
गृह मंत्रालय ने यह घोषणा उस समय की है जब निजामुद्दीन क्षेत्र में एक धार्मिक मत का मुख्यालय भारत में सबसे बड़े कोरोनावायरस हॉटस्पॉट के रूप में उभरकर सामने आया है, जिसमें 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि लगभग 200 अन्य लोगों में भी इसके लक्षण नजर आ रहे हैं।
अधिकारियों ने यहां छह मंजिला भवन को खाली करा दिया है और यह माना जा रहा है कि यहां करीब एक हजार लोग वायरस की चपेट में आए हो सकते हैं।
यह भवन तब्लीगी जमात का है, जो एक मुस्लिम मत से संबंध रखता है, जिसने इस महीने अपनी वार्षिक सभा का आयोजन किया था। इस बड़ी सभा में भारत के साथ ही विशेष रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिजस्तान जैसे कई राष्ट्रों से आए लोग शामिल थे। यहां से लोग देश के कुछ हिस्सों जैसे कि कश्मीर और आंध्र प्रदेश में लोगों के संपर्क में आए हैं, जो अब देश में इस महामारी के विस्फोट का खतरा पैदा करने वाली बात है।
मंत्रालय ने कहा, हजरत निजामुद्दीन मरकज में 21 मार्च को लगभग 1,746 व्यक्ति रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1,530 भारतीय थे।
मंत्रालय ने कहा कि तब्लीगी जमात के भारतीय व विदेशी कार्यकर्ता साल भर देश में चिल्ला गतिविधियों में शामिल रहते हैं।
Created On :   31 March 2020 9:00 PM IST