'युद्ध' का खेलों पर भी असर, जंग के चलते टले लीग मैच, खेलप्रेमियों को निराशा
- चैंपियंस लीग दुनिया में सबसे महंगा खेल टूर्नामेंट है
डिजिटल डेस्क, सेंट पीटर्सबर्ग। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक्शन से पूरी दुनिया सकते में आ गई। इस युद्ध से मार्किट और व्यापर पर तो असर पड़ने ही वाला है लेकिन मौजूदा हालातों ने खेल जगत की टेंशन भी बढ़ाई है। फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट में से एक चैम्पियंस लीग का फाइनल मुकाबला रूस में ही खेला जाना है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से यूरोपियन फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी ने इसको लेकर मंथन शुरू कर दिया है। आपको बता दें सेंट पीटर्सबर्ग में इसी साल 28 मई को चैम्पियंस लीग का फाइनल खेला जाना है। चैंपियंस लीग दुनिया में सबसे महंगा खेल टूर्नामेंट है।
UEFA ने बीते दिनों ही बयान जारी किया गया था। फुटबॉल संगठन ने कहा था कि वह लगातार रूस-यूक्रेन के बीच के हालात पर नजर बनाए हुए है, ऐसे में अभी तक उनका फाइनल का वेन्यू बदलने का कोई विचार नहीं है। हालांकि, ये बयान पुतिन के विवादित इलाकों को मान्यता देने से पहले आया था।
ब्रिटेन है खफा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पहले ही रूस के व्यवहार की निंदा कर चुके हैं। उनका कहना है कि इस स्तिथि में वे पूर्णत: यूक्रेन के साथ है। सीपीएल फाइनल को लेकर भी बोरिस ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था इस तरह के इवेंट का आयोजन रूस में नहीं होना चाहिए। बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस जो दुनिया से कट रहा है, उसे इतने बड़े टूर्नामेंट का आयोजन नहीं करने देना चाहिए, क्योंकि वह दूसरे देशों पर अपना दबदबा बना रहा है। ब्रिटेन की ओर से दबाव इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि चैम्पियंस लीग की टॉप-16 टीम में चार उनके यहां से हैं।
कोरोना के चलते UEFA को इससे पहले भी चैम्पियंस लीग के फाइनल के वेन्यू को मूव करना पड़ा था। तब तुर्की की बजाय पुर्तगाल में इसका आयोजन किया गया था। लेकिन अब जब रूस-यूक्रेन के बीच हालात बदतर हो गए हैं, तब अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
एक सबसे बड़ी दिक्कत यह भी है कि रूस की गैस कम्पनी Gazprom ही चैम्पियंस लीग की मेन स्पॉन्सर है, ऐसे में आयोजकों के लिए इसे शिफ्ट करना इतना भी आसान नहीं होगा।
Created On :   24 Feb 2022 5:57 PM IST