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फैक्ट चेक: पैरासिटामोल P-500 से जुड़ा ये दावा पूरी तरह है फर्जी, शेयर करने से बचें
- पैरासिटामोल टैबलेट की तस्वीर हो रही वायरल
- दवा में जहरीला वायरस पाए जाने का दावा
- रिवर्स सर्च में सामने आई सच्चाई
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर पैरासिटामोल पी-500 के नाम से एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में लोगों की कुछ तस्वीरों के साथ पैरासिटामोल टैबलेट की भी फोटो है। लोग अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर इस पोस्ट को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पैरासिटामोल में जहरीला वायरस पाया गया है। बता दें कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। अगर आपको भी किसी ने ऐसा पोस्ट शेयर किया हो तो उस पर ध्यान ना दें।
क्या हो रहा है वायरल?
'के के पचवारा' नामक फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट 16 दिसंबर को शेयर कर दावा किया कि, “कृपिया ये पैरासीटामोल न खाए न खरिदे।। जिस्पे P-500 लिखा हो। इस में एक जहरीला वायरस पाया गया है। जो विश्व के सबसे खतरनाक मे से एक है।। यह जानकारी सभी को भेजे प्लीज। धन्यवाद।।”
क्या है वायरल पोस्ट के पीछे की सच्चाई?
वायरल पोस्ट की सच्चाई पता लगाने के लिए हमने कीवर्ड्स सर्च किए। ऐसा करने पर हमें सिंगापुर हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से पब्लिश एक जानकारी मिली जिसे 2 अगस्त 2017 को शेयर किया गया था। इसमें लिखा कि- स्वास्थ्य विज्ञान प्राधिकरण (एचएसए) जनता को सूचित करना चाहता है कि पैरासिटामोल गोलियों के माध्यम से "मचुपो" वायरस के संचरण के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित "अलर्ट" एक धोखा है।
आगे लिखा कि- आज तक, इस फर्जी “अलर्ट” के दो संस्करण प्रसारित हो रहे हैं। एक संस्करण में पैरासिटामोल उत्पाद “P-500” टैबलेट का उल्लेख है और दूसरे संस्करण में “एकनिल पैरासिटामोल” टैबलेट का उल्लेख है। दोनों में चेतावनी दी गई है कि “P-500” या “एकनिल पैरासिटामोल” टैबलेट का सेवन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनमें “मचुपो” वायरस होता है। “अलर्ट” में यह भी दावा किया गया है कि ‘नई, बहुत सफेद और चमकदार पैरासिटामोल टैबलेट’ में डॉक्टरों द्वारा “मचुपो” वायरस होने का प्रमाण दिया गया है। अलर्ट में संदर्भित उत्पादों की तस्वीरों के लिए कृपया पीडीएफ संस्करण के अनुलग्नक ए को देखें।
Created On :   18 Dec 2024 4:01 PM IST