इस short movie ने याद दिलाया असली दंगल, फिल्मफेयर अवार्ड भी जीता
डिजिटल डेस्क, मुंबई/यवतमाल। किसी जमाने में मिट्टी में खेली जानी वाली कुश्ती आज मैट में पहुंच गई है। परिवर्तन की बयार से भला कुश्ती अलग कैसे होती फलस्वरुप उसे भी अपना मूल स्वरुप बदलना पड़ा। इस जमीनी हकीकत को पर्दे पर साकार करने का हौसला दिखाया प्रांतिक देशमुख ने। सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में प्रोजेक्ट के लिए short movie करनी थी। इसके लिए script की तलाश में पुणे की चिंचे में चला गया।
जहां पर लगभग 230 सालों से ज्यादा समय से पहलवानी के लिए जानी जाती है, 150 पहलवान यहां हर समय घंटों तक मिट्टी से खेलते रहते थे। इन्ही पहलवानों की रूटीन से फिल्म बनाने का आईडिया मिला और प्रांतिक विवेक देशमुख ने जब मातीतली कुस्ती नामक यह फिल्म बनाई तो लोग देखते रह गए। इस फिल्म को फिल्म फेयर अवार्ड मिला। 12 मिनट की इस फिल्म की जमकर तारीफ प्रसिद्ध मासिक फिल्म फेयर ने भी की। यह मासिक गत 62 साल से इस पुरस्कार का आयोजन करती आ रही है एक समारोह के दौरान प्रांतिक को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
फिल्मी हस्तियों ने सराहा
इस वर्ष अमिताभ बच्चन समेत कई फिल्म अभिनेताओं और शॉर्ट फिल्म निर्माताओं ने शॉर्ट फिल्म भेजने के लिए कहा था। पुराने ब्लैक एण्ड वाइट तरीके से मात्र 12 मिनट की यह शॉर्ट फिल्म 1300 फिल्मों को पछाड़ते हुए बेस्ट 45 में पहुंची। इन फिल्मों का परीक्षण फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां विद्या बालन, करण जौहर, जोया अक्तर, गौरी शिंदे, कबीर खान, मेघना गुलजार व आनंद एल.राय ने किया। फिल्म फेयर के संपादक जितेश पिल्ले, चयन समिति मेंबर, फिल्म निर्माण कबीर खान ने शॉर्ट फिल्म विजेताओं के नामों की घोषणा की नॉन फिक्शन कैटेगरी में प्रांतिक के नाम की घोषणा हुई तब देशमुख परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा था। प्रांतिक ने कक्षा 12वीं तक यवतमाल में पढ़ाई की। आर्ट पसंद हाेने से उसने इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया। मगर दूसरे ही दिन वह पुणे के फरगुशन कॉलेज में बी.ए.करने निकल गया। दूसरे वर्ष बेंगलुरु के विजुअल कम्युनिकेशन से जुड़ा और स्नातक पदवी के लिए फिर पुणे में आया।
Created On :   11 Oct 2017 6:01 PM IST