हिंदी के सबसे पॉपुलर पॉडकास्ट का 100वां धमाल, ताऊ-बाबा-सरदार के साथ सुनिए 'तीन ताल'!
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। आजतक रेडियो का हिंदी पॉडकास्ट "तीन ताल" किसी परिचय का मोहताज नहीं है. कम समय में लोगों के बीच ताऊ, बाबा और सरदार की तिकड़ी ने ऐसी धूम मचाई है कि ये सफर देखते-देखते 100वें एपिसोड में प्रवेश कर रहा है. 10 सितंबर को "तीन ताल" का शतक बनाने पर इंडिया टुडे ऑडिटोरियम में खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. यह कार्यक्रम अभी जारी है. "तीन ताल" को प्यार करने वाले कई फैन्स ताऊ, बाबा और सरदार को लाइव सुन रहे हैं. "तीन ताल" कैसे बनता है, पीछे की कहानी क्या होती है, सबकुछ जान-सुन रहे हैं.
इंडिया टुडे की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी बताती हैं, "आजतक रेडियो ने इस बात को फिर साबित कर दिया है कि हमारा कहानी बताने में विश्वास हमेशा से मजबूत रहा है, वो कहानी पूरे देश में हर प्रकार के लोगों तक पहुंचे, यह करके दिखाया गया है. हमें इस बात पर काफी गर्व है कि तीन ताल के जरिए भारतीयों से बात करने का एक ईमानदार और अनोखा प्रयास किया गया है जिसमें एक बेबाकी है और मजाकिया लहजा भी. जो प्यार हमें मिला, वो अभूतपूर्व है."
तीन ताल की सफलता के पीछे कई लोगों की घंटों की मेहनत है. शो बनाने से लेकर, नए मुद्दे उठाने तक, कई चरण बाद "तीन ताल" का कोई भी एपिसोड आपके बीच परोसा जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में आपका अटूट रिश्ता उन तीन होस्ट से बना है जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज में कई मुद्दों पर आपसे सीधी बात की है. इनका एक परिचय भी जान लीजिए. ताऊ की भूमिका में रहते हैं इंडिया टुडे ग्रुप डिजिटल के न्यूज डायरेक्टर कमलेश किशोर सिंह. बाबा बनकर आपके ज्ञान चक्षु खोलते हैं आजतक के एग्जीक्यूटिव एडिटर पाणिनि आनंद और अपने शायराना अंदाज में सवाल-जवाब करते हैं एसोसिएट एडिटर कुलदीप मिश्रा.
हर शनिवार को ये ताऊ, बाबा और सरदार ही आपके बीच कभी राजनीतिक मुद्दे पर बहस करते हैं, कभी सोशल मीडिया के किसी वायरल ट्रेंड पर चर्चा करते हैं तो कभी सिर्फ खाने पर लंबी बातचीत हो जाती है. डेढ़ घंटे का ये पॉडकास्ट हर बार आपके साथ एक अटूट रिश्ता बनाता है जो समय के साथ सिर्फ मजबूत और गहरा होता गया है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो ये है कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में भी लोगों ने हाथ से लिखे लंबे खत तीन ताल की टीम को भेजे हैं.
अब जितना प्यार "तीन ताल" को दिया गया है, वैसा ही स्नेह पूरे आजतक रेडियो को भी मिला है. उस प्यार के बलबूते ही अब तक 23 पॉडकास्ट प्रोड्यूस किए जा चुके हैं. इसमें 6 डेली, 8 साप्ताहिक और 9 ऑरकाइवड शो शामिल हैं. आजतक रेडियो की टीम हर हफ्ते 58 एपिसोड प्रोड्यूस करती है, यानि कि 15 घंटे से भी ज्यादा की ऑडियो प्रोग्रामिंग. आजतक रेडियो के जितने भी पॉडकास्ट और दूसरे शो हैं, आप सभी को आजतक ऐप के अलावा एप्पल पॉडकास्ट, स्पॉटिफाई, गूगल पॉडकास्ट्स, जियो सावन और विंक पर भी सुन सकते हैं.
Created On :   17 Sept 2022 1:05 PM IST