बॉलीवुड में दादागिरी बहुत ज्यादा: पीयूष मिश्रा

Dadagiri too much in Bollywood: Piyush Mishra
बॉलीवुड में दादागिरी बहुत ज्यादा: पीयूष मिश्रा
बॉलीवुड में दादागिरी बहुत ज्यादा: पीयूष मिश्रा
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। मैं तुमसे बड़ा स्टार हूं। जब मैं अंदर आया तो तुम खड़े नहीं हुए। तुमने मेरा आशीर्वाद नहीं लिया। ऐसी कुछ भावनाएं हैं जो बॉलीवुड पर राज करती हैं। यह कहना है अभिनेता पीयूष मिश्रा का। उनको लगता है कि इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद से ज्यादा दादागिरी है।

पीयूष ने आईएएनएस से कहा, मुझे नहीं लगता कि यहां भाई-भतीजावाद है। अगर यहां होता, तो यह मेरी वृद्धि में बाधा नहीं है। यह मेरे और मेरे किसी भी काम के बीच नहीं आया, न ही इसने मेरे लिए कभी समस्या उत्पन्न की।

उन्होंने आगे कहा, हां, लेकिन तब तक, जब तक मैंने कुछ बेवकूफी नहीं की, या किसी ने भी मेरे काम में बाधा डालने की कोशिश नहीं की। ऐसी एक दो घटनाएं हैं, जब मुझे सहना पड़ा, वह भी इसलिए क्योंकि मैंने कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी ठीक से नहीं पढ़ी। ऐसा मेरे ज्ञान की कमी के कारण हुआ था। अन्यथा, मैं आज जहां भी हूं, यह मेरे काम की वजह से है और उन लोगों की वजह से भी, जिन्होंने मुझे स्वीकार किया।

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के प्रोडक्ट मिश्रा ने आगे कहा, मुझे नहीं लगता कि इसमें भाई-भतीजावाद है, कम से कम मुझे तो इसके बारे में पता नहीं है। उद्योग में दादागिरी (बदमाशी) है। दादागिरी बहुत है।

उन्होंने आगे कहा, कि मैं बड़ा स्टार हूं, तुमने हमारा आशीर्वाद नहीं लिया। जब मैं आया तब तुम मुझे देख खड़े नहीं हुए। ऐसी चीजें बहुत हैं।

जब भाई-भतीजावाद की बात आती है, तो अभिनेता सोचता है कि हर पिता को अपने बच्चे को एक अच्छा करियर देना चाहिए और वह ऐसा करता है।

उन्होंने आगे कहा, कौन अपने बच्चे को एक शानदार क रियर नहीं देना चाहता? लेकिन बहुत बार लोगों को गलतफहमी होती है कि हम स्टार हैं तो हमारा बेटा भी स्टार होगा। ऐसा नहीं होता है।

उन्होंने आगे कहा, मेरे पिता क्लर्क थे। यह जरूरी नहीं है कि अगर माता-पिता कलाकार हैं, तो उनके बच्चे भी कलाकार होंगे। इस तरह की अपेक्षाओं के साथ बच्चों पर बोझ नहीं डालना चाहिए, और मुझे नहीं लगता कि बच्चे को रेडीमेड करियर देना सही है। धूप में तपना चाहिए। उन्हें यह जानने के लिए संघर्ष करना चाहिए कि उनके माता-पिता स्टारडम की ऊंचाइयों तक कैसे पहुंचे। कई कलाकार जो अपने माता-पिता से स्टारडम पाते हैं, भविष्य में पछताते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। वे अंत में आधे अधूरे सितारे बनते हैं।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   4 Sept 2020 10:00 AM IST

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