6 बड़ी फिल्में, 6 बड़े जोखिम, हिंदी सिनेमा जो अफगानिस्तान में शूट किए गए थे।
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। हाल हीं में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। जिसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गानी देश छोड़ कर चले गए है, और अब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है। अफगानिस्तान के इस कठिन वक्त में पूरी दुनिया अफगानिस्तान के नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रही है। साथ ही लोग दुनिया से अपील कर रहे हैं कि इस मुश्किल दौर में अफगानिस्तान का साथ न छोड़ें। अफगानिस्तान पर जितना तालिबान का खौफ उससे कई ज्यादा खुबसूरत यहां की वादियां हैं, एक समय ऐसा था जब इस देश में पर्यटकों की भीड़ हुआ करती थी। यहां की खुबसूरती और खासियत से आकर्षित हो कर हिंदी सिनेमा ने भी अफगानिस्तान में कुछ फिल्म शूट की थीं।
धर्मात्मा
46 साल पहले 1975 में फिल्म एक्टर - डायरेक्टर और प्रोड्यूसर फिरोज खान ने अफगानिस्तान में शूट हुई पहली हिंदी फिल्म बनाई थी। जिसमें अफगानिस्तान के बामियान और बंद-ए-अमीर को शूटिंग के लिए चुना था। इस फिल्म में हेमा मालिनी और फिरोज खान लीड रोल में नज़र आए थे। धर्मात्मा का वो गाना उस दौर में काफी मशहूर हुआ था, "क्या खूब लगती हो बड़ी सुन्दर दिखती हो"। इस बारे में हेमा मालिनी ने अफगानिस्तान को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है। हेमा मालिनी ने बताया कि आज से 46 साल पहले का अफगानिस्तान बिल्कुल अलग था, हालांकि उस वक्त भी तालिबान का खौफ बरकरार था। उन्होंने बताया की उन्हें सफर के दौरान तालिबानी दिखे थे जो कि लंबी दाढ़ी और ढीले - ढाले कुर्ते में किसी काबुली वाले की तरह दिख रहे थे।
एजेंट विनोद
श्रीराम राघवन के डायरेक्शन में बनी एजेंट विनोद 2012 में रिलीज हुई थी। जिसमें सैफ अली खान और करीना कपूर नजर आए थे। इस फिल्म के शुरुआती सीन्स अफगानिस्तान के दस्त-ए-मर्गो में शूट किए गए थे। दर्शकों को अफगानिस्तान का यह सीन काफी पसंद आया था।
जानशीं
एक्टर - डायरेक्टर और प्रोड्यूसर फिरोज खान ने एक बार फिर अफगानिस्तान में फिल्म बनाने का खतरा उठाया। फिरोज खान ने फरदीन खान और सेलिना जेटली के साथ इस फिल्म की शूटिंग अफगानिस्तान में की थी। जब यह फिल्म बन रही थी तब अफगानिस्तान और तालिबान के बीच युद्ध का मंजर था, जिसके बावजूद इतने खतरे के बीच फिरोज खान ने इस फिल्म के कुछ पार्टस और सीन्स की शूटिंग अफगानिस्तान में की।
तोरबाज
तोरबाज की शूटिंग अफगानिस्तान में हुई थी। ये फिल्म अफगानिस्तान के चाइल्ड सुसाइड बॉम्बर्स पर बनी है। निर्देशक गिरीश मलिक की इस फिल्म में संजय दत्त, नरगिस फाखरी और राहुल देव जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अफगानिस्तान के अलावा Bishkek और Kyrgyztan में भी इस फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग हुई थी।
काबुल एक्सप्रेस
साल 2006 में आई जॉन अब्राहम और अरशद वारसी स्टारर फिल्म काबुल एक्सप्रेस काबुल के कुछ हिस्सों में फिल्माई गई थी। यह फिल्म उस दौर में बनी जब अफगानिस्तान में तालिबान की दहशत कम हो गई थी। इस फिल्म के डॉयरेक्टर कबीर खान ने इस फिल्म के मेकिंग के दौरान के एक्सपीरियंस बताए थे कि इस फिल्म की मेकिंग के दौरान उन्हें एवं उनके फिल्म के कास्ट एंड क्रू को तालिबानियों से जान से मार देने की धमकी मिली थी। इस फिल्म में अफगानिस्तान के हनीफ नाम के शख्स ने भी रोल प्ले किया था। जिसके बाद तालिबानियों ने उसे एक्टिंग में करियर बनाने को लेकर बेरहमी से पीटा था। साथ ही इस फिल्म की शूटिंग के दौरान अफगान सरकार ने टीम के सुरक्षा का इंतजाम किया था।
खुदा गवाह
1992 में अमिताभ बच्चन और श्री देवी की फिल्म खुदा गवाह आई थी, जिसके निर्देशक मुकुल एस आनंद थे। खुदा गवाह के कुछ हिस्सों की शूटिंग काबुल और मजार-ए-शरीफ में हुई थी। 1991 में उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति नजीब्बुल्लाह ने टीम के कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किए थे।
Created On :   17 Aug 2021 3:23 PM IST