रिलीज से पहले ही संकट में घिरी अक्षय की फिल्म, सेंसर बोर्ड ने ओएमजी 2 को दिया 'A' सर्टिफिकेट, लगेंगे 15 से 20 कट्स!
- सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर जताई आपत्ति
- 15 से 20 लगाने का दिया सुझाव
- 11 अगस्त को होनी है रिलीज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार की मच अवेटेड फिल्म ओएमजी को रिलीज से पहले बड़ा झटका लगा है। 11 अगस्त को रिलीज होने जा रही यह फिल्म सेंसर बोर्ड और उसकी रिवाइजिंग समिति के सुझावों के बीच फंस गई है। जानकारी के मुताबिक सेंसर बोर्ड की रिवाइजिंग कमिटी ने फिल्म को 'A' यानी एडल्ट सर्टिफिकेट देने की बात कही है। साथ ही कमिटी ने मेकर्स को फिल्म में 15 से 20 कट्स लगाने का सुझाव भी दिया है।
बता दें कि कुछ समय पहले फिल्म को सेंसर बोर्ड की एक्जामिनिंग कमिटी ने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था और रिवाइजिंग कमेटी के पास इसे दोबारा से देखने के लिए भेज दिया था। दरअसल, आदिपुरुष फिल्म पर हुए विवाद के बाद सेंसर बोर्ड की काफी आलोचना हुई थी। लोगों ने सेंसर बोर्ड पर आरोप लगाए थे कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली इस फिल्म को बोर्ड ने पास कैसे कर दिया था। जिसे देखते हुए बोर्ड धर्म और आस्था जैसे विषयों पर आधारित इस फिल्म को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।
लगेंगे 15 से 20 कट्स!
एबीपी न्यूज की खबर के मुताबिक, सेंसर बोर्ड की रिवाइजिंग कमेटी ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर ऐतराज जताते हुए इसे 15 से 20 कट्स देने का सुझाव ओमएमजी-2 के मेकर्स को दिया है। इसके अलावा कमेटी ने फिल्म को 'A' सर्टिफिकेट देने की बात भी कही है। हालांकि फिल्म के कौन से दृश्यों पर कमेटी को ऐतराज है इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
मेकर्स को फैसला नामंजूर
एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार, सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाव गए बदलाव के बाद ही ओएमजी-2 को सर्टिफिकेट जारी हो सकता है। लेकिन फिल्म के मेकर्स को सेंसर बोर्ड के बदलाव सही नहीं लगे हैं। मेकर्स का कहना है कि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसमें कट्स लगाना पड़े। मेकर्स जल्द ही इसे लेकर सेंसर बोर्ड के मेम्बर्स के साथ मीटिंग भी रख सकते हैं।
सेक्स एजुकेशन है फिल्म का मूल विषय!
जानकारी के मुताबिक ओमएमजी-2 धार्मिक विषय पर ही नहीं बल्कि सेक्स एजुकेशन पर भी आधारित है। आजतक की खबर के मुताबिक एक सोशल मीडिया यूजर ने इस फिल्म की कहानी का खुलासा किया है। यूजर के मुताबिक फिल्म एक गे लड़के पर बेस्ड है। इस लड़को को कॉलेज में उसकी सेक्शुएलिटी के लिए चिढ़ाया जाता है, जिससे परेशान होकर वह आत्महत्या कर लेता है।
इस घटना से आहत होकर कॉलेज के प्रोफेसर पंकज त्रिपाठी बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन अनिवार्य करवाने की कोशिश करते हैं। जिससे कॉलेज के बच्चों में इसकी प्रति जागरुकता फैले और चिढ़ाने व परेशान करने जैसी समस्याएं समाप्त हो जाएं। लोग पंकज त्रिपाठी की इस सोच का विरोध करते हैं और इसे भगवान की नियति के विरुद्ध बताते हैं। इसके बाद भगवान शिव बने अक्षय उनकी सहायता करते हैं।
Created On :   26 July 2023 8:30 PM IST