महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: महायुति में एकनाथ शिंदे पर भारी पड़े अजित पवार, जबरदस्त नतीजों के साथ लगाई लंबी छलांग
- 20 नवंबर को राज्य में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव
- राज्य में महायुति को मिला प्रचंड बहुमत
- फडणवीस बन सकते हैं सीएम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ रहे हैं। जिसने महाराष्ट्र की राजनीति की तस्वीर बदल दी है। यहां अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वोट शेयर में भारी गिरावट आई है। धीरे-धीरे आंकड़े साफ हो रहे हैं, जिससे हम कुछ बातों का अंदाजा लगा सकते हैं।
कांग्रेस के वोट में गिरावट हुई
राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के प्रदर्शन में गिरावट आई है। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर 16.92 प्रतिशत से गिरकर 11.39 प्रतिशत पर आ गया है। कांग्रेस राज्य में 17 सीटों पर आगे चल रही है। इसके बावजूद बीजेपी राज्य में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी बन गई है। वह 132 सीटों पर आगे चल रही है।
अजित पवार की एनसीपी ने बड़ी छलांग मारी
अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदर्शन में बड़ी उछाल आई है। लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी एनसीपी को जहां 3.60 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, इस बार के विधानसभा चुनाव में 10.56 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसे अजित पवार की पार्टी एनसीपी के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। अजित की पार्टी 41 सीटों पर आगे चल रही है।
शरद और उद्धव की पार्टी की स्थिति
शरद पवार की एनसीपी की बात करें तो पार्टी 11.67 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 11 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। वे 12.50 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 56 सीटों पर आगे चल रहे हैं। हालांकि, उद्धव ठाकरे की शिवसेना को झटका लगा है। इस पार्टी का लोकसभा वोट शेयर 16.72 प्रतिशत से घटकर विधानसभा चुनाव में 10.74 प्रतिशत रह गया है। वहीं पार्टी 20 सीटें जीत सकती है।
महायुति की जीत
महाराष्ट्र में भाजपा समर्थित महायुति ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। जानकारों के मुताबिक कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के वोट महायुति की तरफ शिफ्ट हुए हैं। अगर हाल के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को सभी जातियों और समुदायों का व्यापक समर्थन मिला था। लेकिन विधानसभा चुनाव में यह समर्थन देखने को नहीं मिला। जबकि बहुजन अघाड़ी (वीबीए) और स्वाभिमानी पक्ष जैसी छोटी पार्टियों ने अपना वोट बैंक बनाए रखा। लेकिन कांग्रेस इसमें विफल रहीं और विधानसभा चुनाव में उनका वोट शेयर डगमगा गया।
Created On :   23 Nov 2024 6:23 PM IST