एमसीयू: पत्रकारिता में रोजगार के अनेक अवसर : महेंद्र प्रताप सिंह

पत्रकारिता में रोजगार के अनेक अवसर : महेंद्र प्रताप सिंह
  • पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों के साथ संवाद
  • संपादक से संवाद श्रृंखला में पत्रकारिता की चुनौतियां एवं संभावना विषय पर चर्चा
  • समाचार लिखते समय उसके दृश्यांकन को ध्यान में रखना चाहिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । पत्रकारिता ऐसी विधा है, जिसमें सबसे अधिक रोजगार है। पिछले एक दशक में पत्रकारिता से जुड़े विविध आयामों में अनेक नए अवसर निर्मित हुए हैं। यह विचार वरिष्ठ संपादक महेंद्र प्रताप सिंह ने व्यक्त किये। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की ओर से आयोजित 'संपादक से संवाद' श्रृंखला में 'पत्रकारिता की चुनौतियां एवं संभावना' विषय पर विद्यार्थियों से संवाद किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि आज के परिदृश्य में सोशल मीडिया ने पत्रकारिता को सबसे बड़ी चुनौती पेश की है। आज सोशल मीडिया के कारण हर कोई पत्रकार बनने की कोशिश कर रहा है। सोशल मीडिया के तथाकथित पत्रकारों ने समाचारों की विश्वसनीयता का संकट खड़ा कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 97 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर समाचार बना रहे हैं। जब हम दूसरे के स्रोत के आधार पर समाचार बनाते हैं तो उसकी विश्वसनीयता हमारे हाथ में नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अब पत्रकारों का मुकाबला तकनीक से हैं विशेषकर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक से। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों को नयी तकनीक भी सीखनी चाहिए। अब पत्रकार को समाचार की कॉपी लिखते समय उसके दृश्यांकन को भी ध्यान में रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब पत्रकार जनता के हित को ध्यान में रखकर नहीं अपितु डिजिटल मीडिया के रेवेन्यू मॉडल को ध्यान में रखकर लिखते हैं। क्योंकि डिजिटल मीडिया में लाइक और शेयर से पेज व्यू बढ़ते हैं। समाचार को इस तरह लिखा जा रहा है कि उसे अधिक से अधिक लाइक और शेयर किया जाए।

उन्होंने कहा कि अब समाचारों को विस्तार से नहीं अपितु संक्षिप्त में लिखने का दबाव है। शोध बताते हैं कि पाठक एक समाचार पर औसत 3.5 सेकंड ही रुकता है। कोई बहुत महत्वपूर्ण समाचार है तो पाठक अधिकतम 3 मिनट ही समय देता है। यही स्थिति समाचार पत्र के साथ है। ऐसी स्थिति में हमारे सामने चुनौती है कि हम पाठकों को समाचार पर अधिक समय तक कैसे रोकें? उन्होंने बताया कि कोविड महामारी ने भी पाठकों की मीडिया आदतों को बदला है।

उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार की चुनौतियों के बाद भी आज के समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। क्योंकि आज कंटेंट की खपत जितनी अधिक हो रही है, उससे पहले कभी नहीं रही। सभी क्षेत्रों में कंटेंट क्रियेटर की आवश्यकता है। आवश्यकता है कि हम अच्छा साहित्य पढ़ें और नयी चीजें सीखें। मल्टीटास्किंग का कौशल भी आज के समय में रोजगार के नये अवसर खोलता है। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. रंजन सिंह ने किया। इस अवसर पर मीडिया शिक्षक शिवकुमार विवेक, डॉ. सतेंद्र डहेरिया और लोकेन्द्र सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।

Created On :   19 Feb 2025 7:53 PM IST

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