यूपी के स्कूलों को छात्रों का डेटा अपलोड करने की मिली नई समय सीमा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्कूलों को 30 अप्रैल तक छात्रों से संबंधित डेटा अपलोड करने को कहा गया है।
स्कूली शिक्षा महानिदेशक (डीजीएसई) विजय किरण आनंद ने यूडीआईएसई (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) पोर्टल पर छात्रों का डेटा अपडेट करने में लापरवाही के लिए जिला बेसिक और माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों को लताड़ लगाई है। यूडीआईएसई स्कूल शिक्षा डेटा का एक राष्ट्रीय भंडार है जिसका उपयोग योजना बनाने, संसाधन आवंटन का अनुकूलन करने और शिक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने और प्रगति का आकलन करने के लिए किया जाता है।
अब तक, केवल 20 प्रतिशत राज्य-संचालित बुनियादी और माध्यमिक विद्यालयों ने यूडीआईएसई पर छात्र प्रोफाइल को अपडेट किया है, जिसमें सामान्य जानकारी जैसे कि नाम, कक्षा और बच्चे की मातृभाषा शामिल है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों, स्कूल न जाने वाले बच्चों का डेटा भी इसका हिस्सा है। अधिकारी ने कहा कि डेटा फीड न करने से हर साल जारी होने वाली यूडीआईएसई रिपोर्ट में राज्य का प्रदर्शन खराब होगा।
स्कूलों को काम पूरा करने के लिए 30 अप्रैल की डेडलाइन दी गई है। डीजी ने चेतावनी दी कि पालन नहीं करने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बुनियादी विद्यालयों में, बलिया (5.2 प्रतिशत), आजमगढ़ (5.6 प्रतिशत) और मथुरा (5.9 प्रतिशत) जिलों में यूडीआईएसई पोर्टल पर डेटा फीडिंग का प्रतिशत सबसे कम है। मिर्जापुर इकलौता जिला है जिसने 50 फीसदी से ज्यादा काम पूरा किया है।
कुल मिलाकर बेसिक स्कूलों में 1.04 करोड़ में से 83.2 लाख विद्यार्थियों का डाटा फीडिंग शुरू नहीं हो पाया है। माध्यमिक विद्यालयों के लिए, बलिया (2.1 प्रतिशत), आजमगढ़ (4.1 प्रतिशत) और इटावा (5.1 प्रतिशत) ने यूडीआईएसई पर छात्र डेटा फीड करने के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   28 April 2023 11:00 AM IST