पश्चिम बंगाल में अब तक एक भी शिक्षक ने नहीं दिया इस्तीफा

Till now not a single teacher has resigned in West Bengal
पश्चिम बंगाल में अब तक एक भी शिक्षक ने नहीं दिया इस्तीफा
पश्चिम बंगाल सियासत पश्चिम बंगाल में अब तक एक भी शिक्षक ने नहीं दिया इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से शिक्षक की नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों के लिए स्वेच्छा से इस्तीफा देने की तय समय सीमा सोमवार को समाप्त हो रही है। लेकिन इस दौरान पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के कार्यालय में एक भी इस्तीफा नहीं पहुंचा।

राज्य के शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि 4 नवंबर को आयोग कार्यालय के बंद होने के समय तक आयोग के कार्यालय को कोई इस्तीफा नहीं मिला। समय सीमा समाप्त होने के बाद आयोग के वकील अगली सुनवाई में इस मामले में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की पीठ को अपडेट करेंगे। इसके पहले सितंबर में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अवैध रूप से नियुक्त लोगों से अपील करते हुए कहा था कि वे स्वेच्छा से अपना त्यागपत्र 7 नवंबर तक डब्ल्यूबीएसएससी कार्यालय को भेज दें। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि स्वेच्छा से इस्तीफा देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देने वालों को परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्हें एक निश्चित अवधि के लिए सभी सरकारी सेवाओं से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।

राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष, कल्याणमय गंगोपाध्याय और कई अन्य शीर्ष अधिकारी पहले से शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण न्यायिक हिरासत में हैं। पिछले हफ्ते अदालत में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की थी कि उन्हें आश्चर्य होता है कि क्या शिक्षक भर्ती घोटाले का असली मास्टरमाइंड उनके जीवनकाल में ही पकड़ा जाएगा।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   7 Nov 2022 1:30 PM IST

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