जी20 एजुकेशन वर्किं ग ग्रुप की तीसरी बैठक भुवनेश्वर में शुरू

Third meeting of G20 Education Working Group begins in Bhubaneswar
जी20 एजुकेशन वर्किं ग ग्रुप की तीसरी बैठक भुवनेश्वर में शुरू
भुवनेश्वर जी20 एजुकेशन वर्किं ग ग्रुप की तीसरी बैठक भुवनेश्वर में शुरू

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत एजुकेशन वर्किं ग ग्रुप की तीसरी बैठक यहां बुधवार को भविष्य के काम के संदर्भ में आजीवन सीखने की क्षमता निर्माण विषय पर एक सेमिनार के साथ शुरू हुई। यह चेन्नई और अमृतसर में पूर्व में हुई पिछली दो कार्यकारी समूह की बैठकों का सिलसिला है, जिसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में विश्व स्तर पर बदलाव लाने के लिए नवीन विचारों और नीतियों पर चर्चा करना और उन्हें लागू करना है। खनिज और सामग्री प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित होने वाली तीन दिवसीय बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 60 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने कौशल शिक्षा के मूल्य पर जोर दिया और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने के लिए सरकार द्वारा पेश की गई कई कौशल पहलों का हवाला दिया।

सरकार ने कहा कि यह संगोष्ठी पिछले दो वेबिनारों में काम की उभरती दुनिया और मूलभूत कौशल और आजीवन सीखने के महत्व पर आयोजित विचार-विमर्श पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य समावेशिता सुनिश्चित करते हुए अपस्किलिंग, री-स्किलिंग और आजीवन सीखने के माध्यम से भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के लिए भविष्य के कौशल के वितरण के लिए मानव और संस्थागत क्षमता को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 द्वारा निर्देशित, भारत सरकार मुख्य रूप से शैक्षणिक और व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण के माध्यम से कौशल को विकसित करने, मूल्यांकन करने और पहचानने के तरीकों पर पुनर्विचार कर रही है। संगोष्ठी में ब्राजील, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, ओईसीडी, यूनिसेफ, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम से पैनलिस्ट भागीदारी के साथ तीन पैनल चर्चा शामिल थी।

प्रतिनिधियों ने जी20 फ्यूचर ऑफ वर्क प्रदर्शनी में भी भाग लिया, जहां उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक और नवीन विचारों को देखा जो हमारे काम करने और सीखने के तरीके को बदल रहे हैं। प्रदर्शनी में उद्योग, शिक्षा, सरकारी एजेंसियों, बहुपक्षीय एजेंसियों, स्टार्टअप्स और अन्य संगठनों के सक्रिय प्रतिनिधित्व के साथ-साथ काम के भविष्य पर एक अनुभव क्षेत्र और विशाल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन शामिल हैं। चर्चाओं के अलावा, तीन दिवसीय बैठक में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल है, जिसमें पारंपरिक ओडिसी प्रदर्शन शामिल हैं। प्रतिनिधियों को ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने और राज्य के इतिहास और परंपराओं के बारे में अधिक जानने का मौका मिलेगा। संगोष्ठी के अंतिम दिन प्रतिनिधि कोणार्क मंदिर जाएंगे। यह मंदिर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   27 April 2023 12:30 AM IST

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