शिक्षकों ने कहा एकेडमिक कैलेंडर में परीक्षा की तैयारी के लिए नहीं मिलेगा समय

Teachers said that academic calendar will not get time for exam preparation in DU
शिक्षकों ने कहा एकेडमिक कैलेंडर में परीक्षा की तैयारी के लिए नहीं मिलेगा समय
डीयू शिक्षकों ने कहा एकेडमिक कैलेंडर में परीक्षा की तैयारी के लिए नहीं मिलेगा समय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस साल यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए एक अकादमिक कैलेंडर जारी किया है। इसके कुछ देर बाद ही दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों के एक बड़े संगठन ने इसे छात्रों और शिक्षकों के लिए बेहद निराशाजनक स्थिति करार दिया। शिक्षकों कहना है कि नए अकादमिक कैलेंडर में छात्रों को परीक्षा एवं सिलेबस की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है।

डीयू अकादमिक कैलेंडर के मुताबिक प्रथम वर्ष की कक्षाएं 2 नवंबर से शुरू होनी है। सेमेस्टर 2 की कक्षाएं 20 मार्च, 2023 से शुरू होंगी।

दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज में भौतिकी विभाग की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा कि अकादमी कैलेंडर में स्टूडेंट्स के लिए कोई अवकाश नहीं होगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय के डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के मुताबिक एक छात्र को एक साल में जो सिलेबस कवर करना चाहिए, अब वह 9 महीने के समय में पूरा किया जाएगा। फ्रंट का मानना है कि यह एक त्रासदी है जो सीयूईटी के नासमझी के कारण हैदा हुई है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की पूर्व सदस्य प्रोफेसर आभा देव ने बताया कि हम जुलाई में बारहवीं कक्षा के परिणामों की घोषणा के बाद अगस्त या मध्य सितंबर में प्रवेश समाप्त करने का प्रयास कर सकते थे। इसके अलावा, 2 नवंबर के बाद 50 प्रतिशत या अधिक प्रवेश हो सकते हैं। हम मुश्किल से 3 नवंबर को सीएसएएस के दूसरे दौर को समाप्त कर रहे हैं। पहले, शैक्षणिक सत्र 6-8 राउंड कट-ऑफ के बाद ही शुरू होता था। साथ ही पीजी में दाखिले में भी काफी देरी हुई है। इस साल, प्रत्येक कक्षा के लिए हमारे पास एक अलग कैलेंडर होगा। इसका अर्थ है कि विभिन्न वर्षों के छात्रों के बीच कम बातचीत व संपर्क हो सकेगा। इसके परिणामस्वरूप अलग-अलग यूनिटों के लिए नॉन-स्टॉप काम भी हुआ है, परीक्षा, मूल्यांकन और शिक्षण को संभालने के लिए कोई अलग अवधि नहीं है।

शिक्षक संगठनों का यह भी मानना है कि कई शिक्षकों को अतिरिक्त शिक्षण भार के कारण अवकाश नहीं मिला। इस वजह से तदर्थ संकाय को सबसे अधिक नुकसान हुआ है क्योंकि वे अपने मध्य-सेमेस्टर के ब्रेक और छुट्टी का उपयोग किसी व्यक्तिगत कार्य या चिकित्सा के लिए करेंगे क्योंकि वे सीमित अवकाश के हकदार हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   13 Oct 2022 2:30 PM IST

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