विश्वविद्यालयों में शिक्षकों को करना होगा अपने पेशेवर कौशल का विकास
- विश्वविद्यालयों में शिक्षकों को करना होगा अपने पेशेवर कौशल का विकास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अपने पेशेवर कौशल का विकास करना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) इसमें शिक्षकों की मदद करेंगे। एआईसीटीई ने तो इस संबंध में बाकायदा शिक्षकों के लिए कुछ खास प्रोग्राम भी तैयार किए हैं। विश्वविद्यालयों के शिक्षक इन ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा अपने स्किल का विकास कर सकते हैं। देशभर के शिक्षक 9 मई तक इन प्रोग्रामों का हिस्सा बनने के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
इस संबंध में यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से शिक्षकों को अटल संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) में भाग लेने के लिए प्रेरित करने को कहा है। शिक्षकों के संकाय विकास के लिए यह कार्यक्रम एआईसीटीई ने तैयार किया है। यूजीसी ने कॉलेजों को भेजे पत्र में कहा है कि शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने के लिए 3 तरह के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देशभर में विश्वविद्यालयों के शिक्षकों हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उद्देश्य शिक्षकों का बेहतर प्रशिक्षण और उनकी नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। समय के साथ शिक्षकों की भूमिका भी बदल रही है और इस बदलती भूमिका में यह प्रोग्राम शिक्षकों को और अधिक सक्षम बनाएंगे। इन कार्यक्रमों को विशेषज्ञों की मदद से इंटरेक्टिव तरीके से डिजाइन किया है, ताकि शिक्षक अधिक से अधिक सीख सकें।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के अलावा देश भर में शिक्षा मंत्रालय नई शिक्षा नीति के तहत 50,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहा है। प्रशिक्षित शिक्षक, स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएंगे। मुख्य रूप से इसका उद्देश्य नवाचार की संस्कृति और इस प्रकार के आयोजनों में सुधार करना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत में फिलहाल 2500 इनोवेशन सेल हैं और भविष्य में अतिरिक्त 5000 सेल जोड़े जाएंगे। मंत्रालय ने बताया कि एंबेसडर कार्यक्रम के तहत 50,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। 50 हजार शिक्षक को दी जा रही इस ट्रेनिंग से शिक्षा-क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।
शिक्षा मंत्रालय इस वर्ष 2 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा। शिक्षकों का प्रशिक्षण शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाले ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की मदद से किया जाएगा।
एआईसीटीई के अध्यक्ष व देश के प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी के समावेश पर जोर दिया। महामारी के दौर में शिक्षकों को प्रौद्योगिकी सक्षम बनाने की एआईसीटीई की पहल के बारे में प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, हमने 1.65 लाख से अधिक शिक्षकों को एआई, आईओटी, एमएल, ब्लॉकचैन, एआर एवं वीआर जैसे कोर्स का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया है।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन का कहना है कि भारत सरकार की ट्रेनिंग एंड लनिर्ंग एकेडमी में 948 से अधिक ऑनलाइन प्रोग्राम हैं। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई की इस वर्ष 130 प्रोग्राम के तहत 2 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है।
आईएएनएस
Created On :   29 April 2022 1:00 PM IST