संजय राउत ने केंद्र से कोल इंडिया के स्कूलों में शिक्षकों का वेतन बढ़ाने का आग्रह किया

Sanjay Raut urges the Center to increase the salary of teachers in Coal India schools
संजय राउत ने केंद्र से कोल इंडिया के स्कूलों में शिक्षकों का वेतन बढ़ाने का आग्रह किया
शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र से कोल इंडिया के स्कूलों में शिक्षकों का वेतन बढ़ाने का आग्रह किया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को केंद्र से कोल इंडिया के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि बाकी सरकारी शिक्षकों के समान वेतन दिया जाए। राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए राउत ने कहा कि इन शिक्षकों को मजदूरों का न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल रहा है और उन्हें वेतन के रूप में प्रति माह 4,000 से 5,000 रुपये की मामूली राशि मिलती है।

शिवसेना सांसद ने कहा, वे देश भर में कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों के गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं, इन स्कूलों को कोलियरी स्कूल के नाम से जाना जाता है, जो कोयला खदान श्रमिकों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोल इंडिया को सार्वभौमिक शिक्षा योजना (सर्व शिक्षा अभियान) के तहत पर्याप्त धन मिलता है, लेकिन वे इन स्कूलों में शिक्षा सुविधाओं का उन्नयन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में केवल गरीब कोयला खदान श्रमिकों के बच्चे ही पढ़ते हैं और यह भी कहा कि सरकार ने इन स्कूलों की कोई सुध नहीं ली है।

राउत ने यह भी कहा कि हाल ही में कोल इंडिया ने सीएसआर गतिविधियों में 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं, लेकिन इन स्कूलों और शिक्षकों की स्थिति में सुधार की कोई परवाह नहीं है। उनकी स्थिति को दयनीय बताते हुए शिवसेना विधायक ने यह भी कहा कि वेतन हर महीने नहीं दिया जा रहा है, लेकिन उन्हें तीन या चार महीने के अंतराल के बाद एक महीने का वेतन मिलता है। उन्होंने कहा कि इन कोलियरी स्कूलों में ये 2,000 शिक्षक हैं और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें कोई पैसा या लाभ नहीं मिलता है। राउत ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उन्हें जल्द से जल्द राज्य सरकार के शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी सरकार को निर्देश दिया कि कोयला और खान मंत्री को इसकी जानकारी दी जाए।

(आईएएनएस)

Created On :   30 March 2022 3:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story