पीएम मोदी का भाषा पर जोर, इंजीनियरिंग की पढ़ाई बढ़ रही है भारतीय भाषाओं की ओर

PM Modis emphasis on language, engineering studies are moving towards Indian languages
पीएम मोदी का भाषा पर जोर, इंजीनियरिंग की पढ़ाई बढ़ रही है भारतीय भाषाओं की ओर
स्वतंत्रता दिवस पीएम मोदी का भाषा पर जोर, इंजीनियरिंग की पढ़ाई बढ़ रही है भारतीय भाषाओं की ओर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से दिए गए अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। उन्होंने अपने भाषण में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री लगातार शिक्षा के क्षेत्र में भाषा, खासतौर पर स्थानीय भाषा को महत्व देने की बात करते आए हैं। 15 अगस्त को दिए अपने भाषण में भी उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति भाषा के बंधनों को तोड़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में कहा, जिस प्रकार से नई शिक्षा नीति बनी है। जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है और भारत की धरती की जमीन से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है। हमने जो कौशल पर बल दिया है यह ऐसा सामथ्र्य है जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा। हमनें देखा है कभी-कभी तो हमारी टैलेंट भाषा के बंधनों में बंध जाती है। यह गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।

वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री के वचनों को दोहराते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक नई आशा लेकर आयी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई हमारी शिक्षा नीति भाषा के बंधनों को तोड़ गुलामी की मानसिकता से मुक्ति देने की ताकत देगी।

गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पाठ्यक्रम सामग्री सुलभ कराई जा रही है। इसके लिए 12 अनुसूचित भारतीय भाषाओं हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, गुजराती, कन्नड़, पंजाबी, ओडिया, असमिया, उर्दू और मलयालम में तकनीकी पुस्तक लेखन और अनुवाद की शुरूआत कर ली गई है।

छात्रों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा का अध्ययन करने में सक्षम बनाने के लिए वर्ष 2021-22 में भारतीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा शुरू की है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने पहले वर्ष के लिए अंग्रेजी में मूल पुस्तक लेखन शुरू किया और फिर मूल लेखन के बाद 12 भारतीय भाषाओं में इसका अनुवाद किया। पहले वर्ष में 22 पुस्तकों की पहचान की गई और शुरू में 12 भारतीय भाषाओं में उनका अनुवाद किया गया। इन पुस्तकों को आईआईटी, सीएफटीआई, एनआईटी, ट्रिपल आईटी और एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित संस्थानों में उपयोग किया जा सकता है।

2022-23 में, एआईसीटीई ने पहले ही दूसरे वर्ष के मूल पुस्तक लेखन के लिए अंग्रेजी में प्रक्रिया शुरू कर दी है। एआईसीटीई द्वारा दूसरे वर्ष के लिए डिग्री और डिप्लोमा दोनों के लिए अठासी (88) विषयों की पहचान की गई है, और अंग्रेजी में मूल पुस्तक लेखन शुरू हो गया है। अधिकांश लेखक आईआईटी, एनआईटी से इस काम में एआईसीटीई से जुड़े हैं।

इसके साथ ही, विश्वविद्यालय में, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे 10 राज्यों के 40 संस्थान स्थानीय भाषाओं में एक या अधिक विषयों में इंजीनियरिंग शिक्षा शुरू करने के लिए आगे आए हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   15 Aug 2022 1:00 PM IST

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