आईआईटी में नए पीजी (एमए) प्रोग्राम, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष से शुरू

New PG (MA) programs at IITs, starting from 2023-24 academic year
आईआईटी में नए पीजी (एमए) प्रोग्राम, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष से शुरू
नई दिल्ली आईआईटी में नए पीजी (एमए) प्रोग्राम, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष से शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंजीनियरिंग छात्रों के लिए गैर तकनीकी पीजी पाठ्यक्रम व खास एम.ए. कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। ये पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग और बी.टेक छात्रों को उनकी 3 साल की पेशेवर डिग्री पूरी करने के बाद ऑफर किए जाएंगे। विभिन्न एनआईटी, आईआईटी और देश के अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों इन पीजी प्रोग्राम को अपने पाठ्यक्रमों में शामिल कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से यह गैर तकनीकी पीजी पाठ्यक्रम ऑफर किए जाएंगे।

वहीं आईआईटी मद्रास ने नए एमए प्रोग्राम की घोषणा की है। आईआईटी के मुताबिक एमए प्रोग्राम मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग के तहत होंगे। संस्थान का उद्देश्य अधिक उम्मीदवारों को आवेदन करने और दाखिले का अवसर देना है। पहले से मौजूद विकास अध्ययन और अंग्रेजी अध्ययन के अतिरिक्त अर्थशास्त्र को जोड़कर संस्थान एमए प्रोग्राम का दायरा बढ़ा रहा है और ये तीनों स्ट्रीम वर्तमान पांच वर्षीय एकीकृत एमए प्रोग्राम के बजाय दो साल के प्रोग्राम होंगे। ये प्रोग्राम 2023 शैक्षणिक सत्र से शुरू किए जाएंगे।

प्रत्येक स्ट्रीम में भारतीय विद्यार्थियों के लिए 25 सीटें होंगी। अतिरिक्त संख्या के आधार पर प्रोग्राम में अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को भी प्रवेश दिया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया मार्च व अप्रैल 2023 से शुरू होगी और कक्षाएं जुलाई 2023 में शुरू होंगी। दो वर्षीय एमए प्रोग्राम में एचएसईई के बजाय प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले होंगे, जिसकी जल्द घोषणा की जाएगी।

आईआईटी मद्रास को विश्वास है कि विभिन्न पृष्ठभूमि के अधिक से अधिक विद्यार्थी विभिन्न विषयों से स्नातक कर संस्थान के एमए प्रोग्राम में दाखिला लेंगे। नई पहल के मुख्य लाभ बताते हुए आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा, एमए प्रोग्राम की नई संरचना कर मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य इंजीनियरिंग आदि विषयों में स्नातक की डिग्री प्राप्त, अधिक से अधिक विद्यार्थियों के लिए इन्हें सुलभ बनाया गया है।

आधुनिक युग की विभिन्न चुनौतियों का सामना और दूर करने के लिए नई पीढ़ियों के विद्यार्थियों के लिए मानविकी और सामाजिक विज्ञान के ऐसे प्रोग्राम बहुत आवश्यक हैं। एमए प्रोग्राम की सूची लंबी होने के साथ विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के नए द्वार खुलेंगे और उनकी रोजगार योग्यता भी बढ़ेगी, क्योंकि वे खास डोमेन एक्सपर्ट के रूप में प्रशिक्षित होने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य के लिए तैयार होंगे और राष्ट्रीय मामलों पर भी केंद्रित होंगे।

नए प्रोग्राम के विशिष्ट पहलुओं में शामिल हैं प्रमाण के आधार पर नीति का विश्लेषण, सामाजिक-आर्थिक विकास को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका, डेटा विज्ञान और प्रशासन, समकालीन मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, स्थिरता, शहरीकरण आदि का सक्रिय अध्ययन। एमए प्रोग्राम के कोर्स की पुनसर्ंरचना कर अधिक समकालीन विषयों जैसे नवाचार, शहरी नियोजन और विकास, स्वास्थ्य नीति, पर्यावरण मानविकी, जलवायु अर्थशास्त्र, प्रौद्योगिकी और नीति और कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञान को भी शामिल किया जाएगा।

 

सोर्स- आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   21 Jun 2022 6:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story