जाने इस दिन का इतिहास, महत्व और क्यों है यह खास?
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- क्या है इस दिन का इतिहास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर साल 11 नवंबर के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर मौलाना अबुल कलाम आजाद को समर्पित किया गया है। उनकी जयंती को देश भर में लोग राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाते हैं। मौलाना अबुल कलाम आजाद भारत के खास रत्नों में से एक थे। वह आजाद भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे, वह उस समय के स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् थे। उन्हें आजाद भारत के प्रमुख वास्तुकार के रूप में देखा गया है। भारत में अच्छी शिक्षा बहाल करने के लिए उन्होंने एआईसीटीई और यूजीसी जैसे बड़े शिक्षा निकायों की स्थापना की थी।
क्या है इस दिन का इतिहास
सितंबर 2008 में, भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन को देश भर में शिक्षा दिवस के रूप में मान्यता देने की घोषणा की गई थी। आजादी के बाद, भारत ने अपनी संस्थाओं को बेहतर तरीके से चलाने के लिए काफी संघर्ष किया है। उस समय एक देश को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आई थी। राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना देश के नेताओं की प्राथमिकता थी। विशेष रूप से इस उद्देश्य का नेतृत्व करने के लिए अबुल कलाम सामने आए थे।
जाने इसका महत्व
यह दिन भारत के इतिहास में इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन पूरा देश मौलाना आजाद के योगदान को याद करता है। इस दिन को भारत के राष्ट्र निर्माण के तौर पर देखा जाता है। 11 नवंबर के दिन हर साल सभी स्कूलों में कई तरह के खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के प्रति अपने विचार साझा करते हैं।
Created On :   9 Nov 2021 6:59 PM IST