जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज ने अंडरग्रेजुएट रिसर्च कान्फ्रेंस की घोषणा की
डिजिटल डेस्क, सोनीपत। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज (जेएसएलएच) को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज पर पांचवां अंडरग्रेजुएट रिसर्च कॉन्फ्रेंस 2 और 3 अप्रैल, 2022 को ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा।
यह सम्मेलन अंडरग्रेजुएट लेवल पर छात्र अनुसंधान को प्रोत्साहित करने का एक अनूठा प्रयास है और पूरे भारत में संस्थानों से भाग लेने वाले छात्रों को सम्मानजनक संवाद को प्रोत्साहित करने और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने वाले मंच में विचारों का आदान-प्रदान करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
2017 में अपनी स्थापना से, अंडरग्रेजुएट रिसर्च कान्फ्रेंस अंत:विषय अनुसंधान (एक संकाय सदस्य पर्यवेक्षण के तहत) प्रस्तुत करने और छात्रों और संकाय सदस्यों के एक जीवंत और विश्व स्तरीय शैक्षणिक समुदाय की उपस्थिति में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए एक छात्र-अनुसंधान केंद्रित अकादमिक मंच रहा है। इस वर्ष भी, हम भारत में सभी संस्थानों के युवा दिमागों को प्रासंगिक समकालीन वैश्विक मुद्दों पर अपने विचारों और निर्देशित अंत:विषय अनुसंधान को प्रस्तुत करने का एक शानदार अवसर प्रदान करने के लिए पहल करना जारी रख रहे हैं।
सम्मेलन का विषय उदार कला और मानविकी है, जिसमें कोविड -19 महामारी और इसके प्रभाव, ग्लोबल वामिर्ंग और जलवायु परिवर्तन, परिवेश प्रदूषण और सार्वजनिक स्वास्थ्य, और पानी के मुद्दों से संबंधित मुद्दों में विशेष रुचि है। इसी तरह, सम्मेलन का उद्देश्य साहित्य, रचनात्मक कला, दर्शन, इतिहास, संचार और अन्य उदार कला-आधारित ²ष्टिकोणों के विषयों में समकालीन मुद्दों का प्रतिनिधित्व करने के तरीके का भी पता लगाना है।
स्नातक छात्र अनुसंधान प्रस्तुतियों में मौखिक प्रस्तुतियों और पोस्टर प्रस्तुतियों का मिश्रण शामिल होंगे। इसके अलावा, अभिव्यंजक कला को करियर के रूप में लेने के इच्छुक छात्रों के लिए एक कला प्रदर्शनी भी होगी।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति, प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज एक अंत:विषय शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में युवा दिमाग के विस्तार के लिए एक जगह प्रदान करता है जो शास्त्रीय, समकालीन और भविष्य को एक नए ढांचे में मिलाता है, जोकि भारत में अपनी तरह का पहला है। हमारा उद्देश्य अनुशासनात्मक सीमाओं को तोड़ना और अनुसंधान पर ध्यान देने के साथ एक अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में कला और मानविकी का अध्ययन करने के अर्थ को फिर से परिभाषित करना है।
स्नातक शोध सम्मेलन भारत में इस मायने में अद्वितीय है कि यह उस महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देना चाहता है जो स्नातक छात्र अनुसंधान में कर सकते हैं, साथ ही विश्वविद्यालय में अनुसंधान कौशल को सम्मानित करने के महत्व को भी पहचानना चाहते हैं।
आईएएनएस
Created On :   31 March 2022 2:01 PM IST