जामिया के छात्र सीख रहे हैं रिज्यूमे के माध्यम से नियोक्ता को 30 सेकंड में प्रभावित करने के गुर
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कैसे ऐसा बायोडाटा बनाए जो नौकरी देने वाली कंपनी या फिर अधिकारी को 30 सेकंड के भीतर ही आपकी प्रतिभा से अवगत करा दें। सिस्टमैटिक बायोडाटा क्या होता है। इसके क्या फायदे हैं। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को यह कैसे प्रभावित करता है और सबसे बड़ी बात इसे बनाते समय किन बातों का ध्यान रखा जाए। कुछ ऐसी ही बारीकियां और गुर जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों को सिखाए गए।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट सेल ने आईबीएम- स्किल्सबिल्ड के साथ साझेदारी में पहली जॉब-रेडीनेस वर्कशॉप का आयोजन किया है। आईबीएम स्किल्सबिल्ड विभिन्न शिक्षण गतिविधियों का एक फ्री एक्सेस डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म है जो छात्रों और जॉबसीकर्स के इंडस्ट्री-रेलिवेंट स्किल डेवलपमेंट पर फोकस करता है। कार्यशाला की शुरूआत एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम के साथ हुई उसके बाद विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय के सभागार में 13 मई को जॉब-रेडीनेस वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम का संचालन आईबीएम से सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट्स शुभांगी मदान और रोहित राजपूत ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न कोर्सेज के बारे में जानकारी दी जिनमें रजिस्टर्ड होकर छात्र आईबीएम प्लेटफॉर्म का उपयोग मुफ्त में कर सकेंगे। उन्होंने पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में बताया और इसका लाइव डेमो भी दिया। ओरिएंटेशन प्रोग्राम के बाद पहला प्रशिक्षण सत्र जॉब रेडीनेस और रिज्यूमे राइटिंग पर शुरू हुआ। प्रशिक्षकों ने रिज्यूमे निर्माण के लिए उपयोगी प्रमुख बिंदुओं और छात्रों के लाभ के लिए साक्षात्कार की तैयारी पर प्रकाश डाला।
उन्होंने चर्चा की कि डिग्री नौकरी के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड है और केवल यही सिलेक्ट होने का मानदंड नहीं है। उन्होंने रिज्यूमे के माध्यम से किसी नियोक्ता को 30 सेकंड में प्रभावित करने के गुर भी सिखाए। सिस्टेमेटिक बायोडाटा बनाने पर चर्चा भी हुई। सत्र में विभिन्न कोर्स के लगभग 200 छात्रों ने भाग लिया जो बहुत ही इंटरेक्टिव था। मानद निदेशक, यूपीसी डॉ. राहेला फारूकी ने कहा कि यह कार्यशाला इस श्रृंखला में पहली कार्यशाला है और आईबीएम के सहयोग से जल्द ही कौशल निर्माण पर कई और सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
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Created On :   24 May 2022 8:30 PM IST