Exam Tips: सीबीएसई की काउंसलिंग शुरू, जानें किस तरह खुद को करें एग्जाम के लिए तैयार
डिजिटल डेस्क। परीक्षा नजदीक है, ऐसे में स्टूडेंट्स के मन में ढेरों सवाल उठ रहे हैं। किसी को परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को लेकर टेंशन है तो किसी को सिलेबस कम्प्लीट करने में। ऐसे में कुछ स्टूडेंट्स टाइम मैनेजमेंट को लेकर भी शिक्षकों से सवाल कर रहे हैं। किस सब्जेक्ट को कितना टाइम दें, टफ प्रश्नों को पहले सॉल्व करें या बाद में। साथ ही सीबीएसई द्वारा जारी हेल्पलाइन में अब एक्सपर्ट बच्चों के प्रश्नों के जवाब देंगे। आज हम आपकों पिछले सालों में लगातार पूछे गए प्रश्न और विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी बताने जा रहे हैं।
प्रश्न- जो पढ़ा था, वो भूलता जा रहा हूं। टेंशन हो रही है, क्या करूं?
उत्तर- कई बार तनाव में ऐसा आभास होता है कि कुछ भी याद नहीं और सब कुछ भूल चुके हैं। इसे दूर करने का आसान तरीका यह है कि आप सारी किताबें स्टडी टेबल से हटा दें और सभी विषयों के सैंपल पेपर सॉल्व करें। आप पेपर को हल करते जाएंगे तो आपके आत्मविश्वास का स्तर बढ़ता जाएगा। भूल जाना सिर्फ एक आभास था। अब जिन सवालों को हल नहीं कर पाए हैं, उनको लिखकर रिवाइज करें, ताकि यह ज्यादा बेहतर ढंग से तैयार हो सकें।
प्रश्न- पेरेंट्स की तरफ से पढ़ने का प्रेशर बहुत आता है?
उत्तर- पेरेंट्स पढ़ाई के लिए कहते हैं, ताकि आप एग्जाम में अच्छा कर पाएं और आपको बाद में किसी प्रॉब्लम या डिप्रेशन का सामना ना करना पड़े। पेरेंट्स को अपने पढ़ाई का शेड्यूल बताएं और मॉक टेस्ट और सैंपल पेपर को हल करने के बाद उन्हें इसे किताब से चैक करने के लिए कहें। इससे उन्हें भी पता चलेगा कि आपकी तैयारी अच्छी चल रही है और वे इस तनाव में नहीं रहेंगे कि आप पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। तैयारियों से पेरेंट्स को शामिल करने पर वे आपको रिलैक्स करने के टाइम पर पढ़ते रहने को नहीं कहेंगे और कुछ सुझाव भी दे सकते हैं, क्योंकि उनका अनुभव आपसे ज्यादा है।
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प्रश्न- पढ़ने बैठता हूं तो ध्यान नहीं लगता, किताब देखते ही नींद आने लगती है?
उत्तर- इसका मतलब है कि आपने एग्जाम के तनाव के चक्कर में अपना शेड्यूल खराब कर रहे हैं। जिससे नींद डिस्टर्ब हो रही है। शेड्यूल में पढ़ने के समय के साथ ही अपने लिए 6 घंटे सोने का समय जरूर लिखें। नींद पूरी होगी, तो दिन भर नींद नहीं आएगी। स्टूडेंट्स सुबह 3 और 4 बजे तक पढ़ते हैं, और तीन घंटे की नींद लेकर सोचते हैं कि काम चल जाएगा। लेकिन, इससे आप बीमार भी पड़ सकते हैं।
प्रश्न- क्या पेपर के आखिरी सवाल से भी शुरूआत कर सकते हैं?
उत्तर- आंसर शीट में सबसे पहले सही ढंग से रोल नंबर लिखें। याद रहे, पहला अंक दिए गए बॉक्स के बाहर लिखना है। रोल नंबर लिखते समय कोई भी ओवर-राइटिंग न करें। आंसर लिखते समय क्रम कोई भी रखा जा सकता है। लेकिन, कोशिश करें कि एक सेट के सारे सवालों के जवाब एक ही स्थान पर लिखें। ऐसा ना हो कि किसी सवाल के "ए" और "बी" का उत्तर एक जगह है और "सी" का उत्तर आपके तीन सवालों के बाद कहीं बीच में दिया है। पहले जो सवाल अच्छी तरह आते हैं, उन्हें हल करें।
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हेल्प लाइन नंबर्स से मिलेगी मदद:
1800-11-8802 सीबीएसई की हेल्पलाइन नंबर शुरू हो गई है। यह हेल्पलाइन सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुली रहेगी। जिससे बच्चे काउंसलर्स से सीधे सवालों के जवाब पा सकते हैं।
टॉपर्स की कॉपियां:
सीबीएसई वेबसाइट पर स्टूडेंट्स 2018 के नेशनल टॉपर्स की अलग-अलग विषयों की कॉपियां भी देख सकते हैं। इन कॉपियां देखने के लिए http://cbseacademic.nic.in/ लिंक पर जा सकता हैं।
Created On :   3 Feb 2020 6:28 PM IST