मंगलवार को होगी एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक, नए कॉलेज खोलने पर होगी चर्चा, डूटा करेगा मीटिंग का विरोध
- डीयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल एफवाईयूपी को मिलेगी मंजूरी
- डूटा का विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में निर्णय लेने वाली सबसे महत्वपूर्ण संस्था एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक मंगलवार को होने जा रही है। इस बैठक में दो नए कॉलेज खोलने की मंजूरी दी जा सकती है। 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम को भी इस महत्वपूर्ण बैठक में मंजूरी दी जाएगी। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा ने मीटिंग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
एग्जीक्यूटिव काउंसिल में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) सहित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत कई सुधारों को मंजूरी दी जा सकती है। मीटिंग में डीयू से संबंधित ऐसे छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर भी विचार होगा, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड के कारण खो दिया है।
एग्जीक्यूटिव काउंसिल में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों और विभागों के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्च र सपोर्ट की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के दो नए कॉलेज खोले जाने संबंधी प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर कॉलेज खोला जा सकता है। डीयू दो कॉलेज खोलेगा जिनमें से एक का नाम सावरकर के नाम पर रखने पर विचार किया जा रहा है। यह विषय भी दिल्ली विश्वविद्यालय की 31 अगस्त को होने जा रही एग्जीक्यूटिव काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति व काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर पीसी जोशी से सावित्रीबाई फुले के नाम से कॉलेज खोलने की भी मांग की गई है। एकेडेमिक काउंसिल सदस्य डॉ आशा रानी और डॉ सुनील कुमार ने कहा कि उन्होंने सावित्रीबाई फुले व जननायक चौधरी ब्रह्मप्रकाश के नाम पर कॉलेज खोले जाने की मांग उठाई है। वहीं वीडी सावरकर के नाम पर डीयू के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी का कहना है विनायक दामोदर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें वर्षों तक अंडमान और निकोबार की सेल्युलर जेल रखा गया था। डीयू की उच्च स्तरीय कमेटी ने सावरकर का नाम प्रस्तावित किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर नवीन गौड़ ने आईएएनएस से कहा कि अकादमिक काउंसिल की बैठक में कई नामों पर चर्चा हुई है। वी डी सावरकर, सरदार पटेल, सुषमा स्वराज, स्वामी विवेकानंद, सावित्रीबाई फुले व दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौधरी ब्रम्हप्रकाश के नाम पर भी चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि अब इस विषय पर अंतिम चर्चा एवं मंजूरी के लिए इन नामों को मंगलवार को एग्जीक्यूटिव काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, अरुण जेटली का नाम भी शामिल रहा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर पी सी जोशी का कहना है कि सावरकर, स्वामी विवेकानंद, सुषमा स्वराज एवं सरदार पटेल के नाम को समाज में उनके योगदान के आधार पर प्रस्तावित किया गया है। दिल्ली में यह दो नए कॉलेज दक्षिणी दिल्ली के भाटी गांव बाहरी दिल्ली के नजफगढ़ स्थित रौशनपुरा में खुलेगा। इन दो कॉलेजों के अलावा चार सुविधा केंद्र भी खोले जाएंगे। पूर्वी दिल्ली में एक नए लॉ कैंपस की योजना बनाई जा रही है।
(आईएएनएस)
Created On :   30 Aug 2021 3:30 PM IST