डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय प्रशासन ने रैगिंग के आरोप में 18 छात्रों को किया निष्कासित
डिजिटल डेस्क, डिब्रूगढ़। असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को एक छात्र की रैगिंग में कथित भूमिका के आरोप में 18 छात्रों को निष्कासित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, छात्र ने रैगिंग के दौरान मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए विश्वविद्यालय के हॉस्टल की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी। रविवार दोपहर को एक अस्पताल में छात्र को भर्ती कराया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना बीते शनिवार की बताई जा रही है। एमकॉम पहले सेमेस्टर के छात्र आनंद शर्मा का उत्पीड़न रविवार सुबह तक जारी रहा था। उत्पीड़न से बचने के लिए छात्र को इमारत की दूसरी मंजिल से कूदने को मजबूर होना पड़ा। हालांकि, आरोपी छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा घटना के संबंध में दर्ज कराई गई एफआईआर में जिक्र किया गया है कि छात्र आनंद शर्मा को पद्मनाथ गोहेन बरुआ हॉस्टल में शनिवार शाम 4.30 बजे से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। छात्रों ने शर्मा को रविवार सुबह पांच बजे तक प्रताड़ित किया।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि रविवार को सुबह करीब 10.30 बजे आनंद शर्मा ने मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से बचने के लिए बाथरूम जाने का बहाना बनाया। फिर उसने हॉस्टल के बी ब्लॉक से छलांग लगा दी। जिस कारण शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारी ने कहा कि हॉस्टल के कुछ छात्र शर्मा को गंभीर हालत में पास एक अस्पताल ले गए। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने शर्मा को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करवा दिया।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कथित रैगिंग की घटना में विवि के एक पूर्व छात्र समेत पांच छात्रों को एफआईआर में नामजद किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में लिया है। वहीं फरार पूर्व छात्र राहुल छेत्री को पुलिस तलाश कर रही है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि शर्मा एमकॉम के पहले सेमेस्टर का छात्र है। डिब्रूगढ़ के एक निजी अस्पताल में आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है।
वहीं पीड़िता की मां सरिता शर्मा ने कहा कि मेरे बेटे को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। उसे शराब पीने के लिए मजबूर किया जाता था और उसे खाना भी नहीं दिया जाता था। सीनियर्स उसे उनके लिए शराब लाने के लिए भेजते थे। उसने मुझे पहले हॉस्टल छोड़ने के लिए कहा था। मैंने ही उसे हॉस्टल में रहने के लिए जोर दिया था क्योंकि हम किराए का घर नहीं दे सकते थे।
लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि हॉस्टल में उसे इस तरह की यातना का सामना करना पड़ रहा है। उसके सीनियर्स ने उसे धमकी भी दी थी कि वह विश्वविद्यालय प्रशासन से कुछ भी शिकायत न करे। इस बीच, विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को धरना दिया और आरोपी छात्रों को कड़ी सजा देने की मांग की।
(आईएएनएस)
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Created On :   28 Nov 2022 8:30 PM IST