दिल्ली विश्वविद्यालय: 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी बनने में हो सकता है विलंब

Delhi University: There may be delay in formation of governing body of 28 colleges
दिल्ली विश्वविद्यालय: 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी बनने में हो सकता है विलंब
नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय: 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी बनने में हो सकता है विलंब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल 16 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। यह 28 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से गवर्निंग बॉडी (प्रबंध समिति) के सदस्यों के नाम अभी तक विश्वविद्यालय को नहीं भेजे जाएंगे। इस बीच अब 8 दिसंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था, कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक होने जा रही है।

गौरतलब है कि ईसी में ही गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को मंजूरी दी जाती है। यदि दिल्ली सरकार 7 दिसंबर 2022 तक प्रबंध समिति के सदस्यों के नाम नहीं भेजती है तो विश्वविद्यालय प्रशासन दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में अपनी ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी बना लेगा। इन कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति चल रही है, ऐसे में ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी अपने स्तर पर नियुक्ति करेंगी क्योंकि 16 दिसंबर के बाद दिल्ली सरकार के कॉलेजों में वर्तमान चेयरमैन नहीं रहेंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन ने इस विषय पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेजों में जल्द से जल्द गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम भेजने की मांग की है।

प्रोफेसर सुमन के मुताबिक दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडी के न रहने पर, जहां अस्थायी प्रिंसिपल हैं वहां शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों पर होने वाली नियुक्तियां प्रभावित होंगी। इन कॉलेजों में 20 ऐसे कॉलेज है जिनमें स्थायी प्रिंसिपल नहीं है। स्थायी प्रिंसिपलों के न होने से स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया रुकी हुई है।

इन वित्त पोषित 28 कॉलेजों में से दिल्ली सरकार द्वारा 12 कॉलेजों को शत प्रतिशत (100 फीसदी) अनुदान दिया जाता है बाकी 16 कॉलेजों को सरकार की ओर से 5 फीसदी अनुदान दिया जाता है। दिल्ली सरकार को लिखें पत्र में कहा गया है कि कॉलेजों में बनने वाली गवनिर्ंग बॉडी के सदस्यों के नाम जल्द से जल्द दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को भिजवाए जाए ताकि कार्यकारी परिषद की बैठक में नामों की संस्तुति कर कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडी बन सके।

एकेडमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कई कॉलेजों में पिछले दो साल से स्थाई प्रिंसिपलों के कई पद खाली पड़े हुए हैं। प्रिंसिपलों के पदों व सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति किए जाने को लेकर विज्ञापन निकाले जा रहे हैं। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन प्रिंसिपल पदों पर स्थायी नियुक्ति होने के बाद ही सहायक प्रोफेसर व गैर - शैक्षिक पदों पर नियुक्ति करना चाहता है।

दिल्ली सरकार के कॉलेजों में प्रिंसिपल, सहायक प्रोफेसरों के पदों के अतिरिक्त लाइब्रेरियन व गैर शैक्षिक पदों पर भी लंबे समय से नियुक्ति न होने से सैंकड़ों पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा यूजीसी द्वारा सेकेंड ट्रांच के पदों पर नियुक्ति की जानी है। कुछ कॉलेजों ने विज्ञापन निकाल दिए हैं कुछ के निकलने बाकी है। इसलिए गवनिर्ंग बॉडी होने पर ही इन पदों पर स्थायी नियुक्ति की जा सकती है।

(आईएएनएस)

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Created On :   5 Dec 2022 6:01 PM IST

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