635 प्रोफेसर की नियुक्ति से पहले ही संसदीय समिति से की शिकायत

635 Complaint to parliamentary committee even before appointment of professor
635 प्रोफेसर की नियुक्ति से पहले ही संसदीय समिति से की शिकायत
दिल्ली विश्वविद्यालय 635 प्रोफेसर की नियुक्ति से पहले ही संसदीय समिति से की शिकायत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने विभिन्न विभागों व कालेजों में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के 635 पद जारी किए गए हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम ने संसदीय समिति से इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। फोरम का कहना है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में शिक्षकों का बैकलॉग व शॉर्टफाल नहीं दिया गया है।

संसदीय समिति के समक्ष अपने शिकायत में फोरम ने कहा कि इस विज्ञापन में एससी, एसटी, ओबीसी के शिक्षकों का बैकलॉग व शॉर्टफाल न दियि जाना चिंता की बात है। इसके लिए फोरम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग व एससी एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति में याचिका दायर कर इन पदों पर आरक्षित वर्गो का बैकलॉग दिए जाने की मांग की है।

टीचर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ. केपी सिंह यादव ने बताया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी ) के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सकरुलर जारी कर निर्देश दिया था कि 24 अगस्त 2021 के शिक्षा मंत्रालय के सचिव द्वारा लिखे गए पत्र के निदेर्शानुसार विश्वविद्यालयों में बैकलॉग पदों को विशेष रूप से एससी एसटी ओबीसी ईडब्ल्यूएस श्रेणी के रिक्त पदों को भरे जाने के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए थे। यूजीसी द्वारा जारी बैकलॉग पदों को क्लियर करने संबंधी सकरुलर दिल्ली विश्वविद्यालय को भी भेजा गया था। इसमें कहा गया था कि इन सभी रिक्त पदों को निश्चित समय सीमा के अंदर भरा जाए।

फोरम के मुताबिक 17 जनवरी 2022 को विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभिन्न विभागों में 635 पदों का जो विज्ञापन जारी किया है, उसमें बैकलॉग व शॉर्टफाल नहीं दिया गया है। फोरम ने कहा है कि लंबे समय से इन पदों का बैकलॉग है जिसे आज तक भरा नहीं गया और न ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी किए गए विज्ञापन में पदों को दर्शाया है। डॉ यादव ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों का जो विज्ञापन जारी किया है, उसमें 449 एसोसिएट प्रोफेसर के पदों में सामान्य 153 पद, एससी 64पद, एसटी 36, ओबीसी123, ईडब्ल्यूएस49 और पीडब्ल्यूडी 24 पद दर्शाए हैं। इसी तरह से प्रोफेसर के 186 पदों में सामान्य 62 पद, एससी 32 पद, एसटी 13, ओबीसी 51, ईडब्ल्यूएस 18 और पीडब्ल्यूडी 10 पद विज्ञापित किए गए हैं।

उन्होंने बताया है कि इन पदों के विज्ञापन में डीयू प्रशासन द्वारा यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय के बैकलॉग संबंधी दिशा निर्देशों की सरेआम अवहेलना की गई है। डॉ. यादव ने कहा कि यूजीसी द्वारा जारी सकरुलर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यह दिशा निर्देश दिया गया था कि ये विश्वविद्यालय रिक्त पदों को पहले बैकलॉग से भरें। सभी विश्वविद्यालयों को एक साल के अंदर अर्थात 5 सितंबर 2021 से 4 सितंबर 2022 के अंदर रिक्त पदों को मिशन मोड के तहत भरना था। दिल्ली विश्वविद्यालय ने यूजीसी सकरुलर के दिशानिदेशरें की अवहेलना करते हुए वर्तमान रिक्त पदों का विज्ञापन निकाला है।

शिक्षा मंत्रालय के सकरुलर से बाद अब यूजीसी ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को स्थायी नियुक्ति संबंधी सकरुलर जारी किया है। इस फोरम ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह से मांग की है कि यूजीसी द्वारा जारी सकरुलर के आधार पर कोटे के शिक्षकों के बैकलॉग पदों को भरने संबंधी फिर से कोरिजेंडम देकर विज्ञापन जारी करें जिसमें शॉर्टफाल व बैकलॉग पदों का ब्यौरा दिया गया हो।

(आईएएनएस)

Created On :   19 Jan 2022 4:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story