भारत की खुशी को मिली ढाई करोड़ की स्कॉलरशिप, अमेरिका के कॉलेज में संवरेगा भविष्य

डिजिटल डेस्क, सूरत। गुजरात की 18 वर्षीय छात्रा खुशी चिंडालिया को अमेरिका के नंबर 1 एंटरप्रेन्योरशिप कॉलेज बैबसन द्वारा स्नातक की डिग्री के लिए 2.5 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया है। खुशी को प्रतिष्ठित "बैबसन ग्लोबल स्कॉलर्स" कार्यक्रम के तहत 2.5 करोड़ रुपयों की स्कॉलरशिप दी गई है। दुनिया भर से मात्र 10 छात्र-छात्राओं को बैबसन ग्लोबल स्कॉलर्स के रूप में चुना गया है जिसमें खुशी एकमात्र भारतीय हैं।
यह छात्रवृत्ति चार साल के लिए खुशी के पढ़ाई की पूरी लागत को कवर करेगी, जिसमें ट्यूशन, निवास, किताबें और आपूर्ति, स्वास्थ्य बीमा, व्यक्तिगत और यात्रा व्यय शामिल होगा। 15 साल की उम्र से खुशी को एक राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल द्वारा पहचाना और तैयार किया गया है। डेक्सटेरिटी ग्लोबल शैक्षणिक अवसरों और प्रशिक्षण के माध्यम से भारत एवं विश्व के लिए नेतृत्व की अगली पीढ़ी तैयार करने में कार्यरत है। जिन्होंने खुशी के हुनर को तराशा। जिसके चलते एक छोटे व्यवसायी बसंत चिंडालिया और बिनीता चिंडालिया की बेटी खुशी, बैबसन कॉलेज से अर्थशास्त्र और उद्यमिता में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करेगी।
बैबसन कॉलेज के बारे में
वर्ष 1919 में स्थापित बैबसन कॉलेज पिछले 24 वर्षों से अमेरिका का नंबर 1 रैंक वाला एंटरप्रेन्योरशिप का कॉलेज है (US न्यूज़ रैंकिंग)। अमेरिका के बोस्टन शहर में स्थित, बैबसन कॉलेज अपने पूर्व छात्रों के लिए विश्व भर में जाना जाता है जिसमें कई सफल उद्यमी, अरबपति, उद्योगपति और फॉर्च्यून 500 सीईओ शामिल हैं।
स्कॉलरशिप के डिटेल
वर्ष 2014 में बैबसन कॉलेज ने ग्लोबल स्कॉलर्स प्रोग्राम की स्थापना की। बैबसन के अनुसार, "2014 से हर साल, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के एक छोटे, उच्च प्रतिभाशाली समूह को हमारे ग्लोबल स्कॉलर्स प्रोग्राम के हिस्से के रूप में आवश्यकता-आधारित छात्रवृत्ति से सम्मानित किया जाता है।" खुशी एकमात्र भारतीय छात्र हैं जिन्हे इस साल यह प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। स्कॉलरशिप हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए नेतृत्व विकास और अन्य समर्थन भी शामिल है।
खुशी को भेजे गए प्रवेश और छात्रवृत्ति पत्र में, बैबसन कॉलेज की डीन ऑफ एडमिशन कर्टनी मिंडेन ने लिखा, “बधाई! मैं आपको बैबसन कॉलेज में प्रवेश देने के लिए उत्साहित हूँ। आपके प्रभावशाली आवेदन और सफलता की संभावना के कारण आपको "ग्लोबल स्कॉलर" के रूप में 2025 की बैबसन की कक्षा में शामिल होने के लिए चुना गया है। हमें अपनी समीक्षा प्रक्रिया के दौरान आपकी शैक्षणिक और व्यक्तिगत उपलब्धियों के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। यह स्पष्ट है कि आपके आगे एक उज्जवल भविष्य है और आप सार्थक और महत्वपूर्ण तरीकों से बैबसन समुदाय में अपना योगदान देंगी।"
खुशी की खुशी का ठिकाना नहीं
स्कॉलरशिप मिलने के बाद खुशी और उनका परिवार बेहद खुशी हैं। खुशी कहती हैं कि कम आय वाले परिवार से होने के कारण मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं अमेरिका के नंबर 1 रैंक वाले एंटरप्रेन्योरशिप के कॉलेज में पढूंगी। यह वास्तव में अविश्वसनीय है! जिस दिन मैं डेक्सटेरिटी ग्लोबल संगठन के संपर्क में आई, उस दिन मेरा जीवन बदल गया। इस संगठन ने मुझे और मेरे जैसे अन्य युवाओं को - जो सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं - बहुत कुछ दिया है।
डेक्सटेरिटी ग्लोबल में पाया प्रशिक्षण
खुशी राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की एक गौरवशाली पूर्व छात्रा है। पिछले साल, खुशी राष्ट्रीय समाचारों में थीं, जब उन्हें संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) टुंजा इको-जेनरेशन के लिए एकमात्र भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। खुशी यूनेस्को द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की निबंध प्रतियोगिता की विजेता भी रही हैं।
15 साल की उम्र से ही खुशी को डेक्सटेरिटी के करियर डेवलपमेंट प्रोग्राम "डेक्सटेरिटी टू कॉलेज" के तहत प्रशिक्षित किया गया है। "डेक्सटेरिटी टू कॉलेज" प्रशिक्षण के माध्यम से एक पीढ़ी को आकार दे रही है जो अपनी कॉलेज शिक्षा और नेतृत्व के माध्यम से भारत का निर्माण करेंगे।
खुशी के चयन पर डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक एवं सीईओ शरद विवेक सागर ने कहा कि मुझे खुशी एवं अन्य डेक्सटेरिटी टू कॉलेज के छात्र-छात्रा पर अत्यंत गर्व है, जो इस साल विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति पर पढ़ने जाएंगे। ये युवा साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं लेकिन उन्होंने कुछ असाधारण हासिल किया है। वे हमारे देश और दुनिया के सामने आने वाली चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए अपनी विश्व स्तरीय शिक्षा का उपयोग करेंगे।
Created On :   12 July 2021 7:06 PM IST