आईआईटी को मिले रिकॉर्ड 231 करोड़ रुपए, पूर्व छात्रों, उद्योगों व आर्थिक सहयोगियों का योगदान
वित्त वर्ष 22 में 131 करोड़ रुपए जुटाने की तुलना में यह साल-दर-साल 76 प्रतिशत की वृद्धि है। आईआईटी के मुताबिक उन्हें 1 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि देने वालों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 64 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले 10 वर्षों में कुल मिला कर इस धनराशि में 45 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि दिखी है। भारत और पूरी दुनिया में मौजूद संस्थान के पूर्व छात्रों और आर्थिक सहयोगियों ने लगभग 96 करोड़ रुपए का योगदान दिया। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान, छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के नाम पर योगदान दिए।
दिल खोल कर आर्थिक सहयोग देने के लिए पूर्व छात्रों और उद्योग जगत का आभार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला, डीन (पूर्व छात्र और कॉपोर्रेट संबंध), आईआईटी मद्रास ने कहा, पूर्व छात्रों ने अपने अल्मा मेटर को जो प्यार और स्नेह दिया है उससे हम अभिभूत हैं। उनका योगदान साल दर साल बढ़ रहा है। पूरी दुनिया में हमारी सफलता में पूर्व छात्रों और कॉपोर्रेट जगत के समर्थन का बड़ा महत्व है। आने वाले वर्षों में उनके निरंतर सहयोग से हम आईआईटी मद्रास को विश्वशिखर पर ले जाने का प्रयास करेंगे।
सीएसआर प्रभाग में पिछले वर्ष की तुलना में 56 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसमें केवल पिछले वर्ष ही 40 नई साझेदारियां की गईं। ऐसे आर्थिक सहयोगियों का सबसे अधिक ध्यान ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा में प्रौद्योगिकी से प्रोत्साहित प्रयासों के अलावा सीएसआर के तहत अनुसंधान पर केंद्रित है।
कविराज नायर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, संस्थान विकास कार्यालय, आईआईटी मद्रास ने कहा, संस्थान विकास कार्यालय, पूर्व छात्रों, फाउंडेशनों और कॉपोर्रेट संगठनों के सहयोग से संस्थान के लिए स्थायी संपत्ति बनाने में सहायक रहा है। हम लोगों के आर्थिक योगदान से परस्पर संबद्ध विषयों के उत्कृष्ट केंद्र बनाने में सफल रहे हैं, जिनके माध्यम से स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, कौशल विकास और कृषि जैसे सामाजिक प्रभाव के क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकी के विकास और व्यावहारिक उपयोग पर जोर दे रहे हैं। वे बतौर छात्रवृत्ति और फेलोशिप जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं।
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Created On :   19 Jun 2023 3:59 PM IST