Vamana Jayanti 2024: वामन जयंती पर बन रहा है ये शुभ योग, जानिए मुहूर्त और मान्यता

वामन जयंती पर बन रहा है ये शुभ योग, जानिए मुहूर्त और मान्यता
  • श्रीहरि ने सृष्टि को बचाने 10 अवतार लिए थे
  • विष्णु जी का 5वां अवतार वामन अवतार है
  • यह पर्व 15 सितंबर रविवार को मनाया जाएगा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भगवान विष्णु को सृष्टि का कर्ताधर्ता माना जाता है। पुराणों के अनुसार, श्रीहरि ने सृष्टि को बुरी ताकतों से बचाने और धर्म की रक्षा के लिए 10 अवतार लिए। इनमें से एक है वामन अवतार, जो उन्होंने पृथ्वी को राजा बालि के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए लिया था। यह विष्णु भगवान का पांचावं अवतार है और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को इस अवतार की विधि- विधान से पूजा की जाती है। दरअसल, इस दिन को वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है।

इस साल वामन जयंती (Vamana Jayanti) 15 सितंबर 2024, रविवार को मनाई जा रही है। द्वादशी तिथि को मनाए जाने के कारण इसे वामन द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस खास मौके पर दो बड़े योग भी बन रहे हैं। आइए जानते हैं इन योग के साथ पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में...

तिथि कब से कब तक

​द्वादशी तिथि आरंभ: 14 सितंबर की रात 8 बजकर 40 मिनट से

द्वादशी तिथि समापन: 15 सितंबर की शाम को 6 बजकर 10 मिनट पर

शुभ मुहूर्त और योग

ऐसा कहा जाता है कि, इस दिनअभिजीत मुहूर्त में वामन भगवान की पूजन करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो ये सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा

विशेष योग: इस बार वामन जयंती के मौके पर श्रवण नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। यह योग 14 सितंबर की रात 8 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और 15 सितंबर की रात 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।

मान्यता

पुराणों में ऐसा कहा गया है कि भक्तों को वामन जयंती के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन भगवान वामन की स्वर्ण प्रतिमा बनवाकर पंचोपचार सहित उनकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जो भक्ति श्रद्धा-भक्तिपूर्वक इस दिन भगवान वामन की पूजा करते हैं, उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। कहते हैं कि यदि आपको वामन जी की प्रतिमा या तस्वीर ना मिले तो आप विष्णु जी की पूजा-अर्चना भी कर सकते हैं। हालांकि वामन जयंती पर भगवान ‘वामन’ की पूजा करना ही बेहतर है। कहा जाता है कि वामन जयंती पर व्रत रखने से व्यक्ति को उसके शत्रुओं पर बढ़त मिलती है।

इस दिन जरूर करें ये काम

वामन जयंती के मौके पर एक पात्र में चावल, दही और चीनी रखकर किसी वेद पाठी ब्राह्मण को दान करना चाहिए। वहीं सायं काल पुनः स्नान करने के उपरांत भगवान वामन का पूजन करना चाहिए। पूजा के समय व्रत कथा भी सुननी चाहिए। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। स्वयं फलाहार करना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   13 Sept 2024 5:19 PM IST

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