जानिए नागपंचमी के दिन पूजन की सही विधि , कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। नागपंचमी का त्योहार हिंदू संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार में से एक माना जाता है। नागपंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाती है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। इस साल नागपंचमी 2 अगस्त के दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। इसलिए आज हम आप को बताएंगे की नाग देवता की पूजा करने की सही विधि क्या है।
नागपंचमी पर क्यों होती है नाग की पूजा?
नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता हैं। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। अगर आप इस दिन दान करते है, तो और फायदा मिलता हैं।
नागपंचमी पूजा विधि
पूजा कक्ष को साफ करें एक चौकी पर एक साफ कपड़ा बिछाएं इस के बाद नाग देवता की मूर्ति को स्थापित करें ।
इसके बाद घी का एक दीपक जलाएं और इसे नाग देवता के पास रखें। फिर पूजा का संकल्प लें।
इसके बाद नाग देवता मूर्ति पर जल और दूध छिड़कें और हल्दी चंदन, कुमकुम, अक्षत और फूल, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
फिर आंखें बंद करके भगवान नाग देवता का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद मांगें। इसके बाद, पूजा करते समय क्षमा प्रार्थना करें।
नागपंचमी पूजा के लाभ
जो कोई भी इस दिन नागदेव की पूजा करता है, वह राहु और केतु के नाम के ग्रहों के दिए गए दुर्भाग्य से बच जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल सर्प दोष से पीड़ित किसी भी व्यक्ति छुटकारा मिलता है। अगर आप इस दिन कालसर्प योग अनुष्ठान कराते हैं, तो आपको सांप के भय से छुटकारा मिलता है।
डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
Created On :   27 July 2022 11:38 AM IST