कौन थे सत्यसाईं बाबा और कब है इनका महाप्रयाण का दिन

कौन थे सत्यसाईं बाबा और कब है इनका महाप्रयाण का दिन
कौन थे सत्यसाईं बाबा और कब है इनका महाप्रयाण का दिन
कौन थे सत्यसाईं बाबा और कब है इनका महाप्रयाण का दिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सत्यसाईं बाबा की जयंती 23 नवंबर 1926 है, एवं उनका महाप्रयाण 24 अप्रैल, 2011 को हुआ था। श्री सत्य साईंबाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्रप्रदेश के पुट्‍टपर्थी गांव में हुआ था। उस दिन उनकी माता ने सत्यनारायण भगवान की पूजा का प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात सत्य साईं बाबा को जन्म दिया। जिस कारण उनका नाम "सत्यनारायण" रखा गया। बचपन में उनका नाम "सत्यनारायण राजू" था।

सत्य साईं बाबा पेदू वेंकप्पाराजू एवं मां ईश्वराम्मा की 8वीं संतान थे। जिस समय नवजात शिशु के रूप में सत्यसाईं ने जन्म लिया था, उस समय घर में रखे सभी वाद्ययंत्र अपने आप ही बजने लगे और रहस्यमय रूप से एक भयंकर सर्प उनके ऊपर फन निकालकर छाया करता पाया गया।

वे बचपन से ही बहुगुणी प्रतिभा के धनी थे। कहा जाता है कि जब वे हाईस्कूल में पढ़ रहे थे तब उन्हें एक बिच्छू ने काट लिया और वे बेहोश हो कर कोमा में चले गए। जब वे कोमा से उठे तो उनका व्यवहार विचित्र-सा हो गया था। उन्होंने खाना-पीना सब बंद कर दिया केवल मात्र श्लोक एवं मंत्रों का उच्चारण करते रहते थे। वे मात्र 8 वर्ष की अल्प आयु में ही सुंदर भजनों की रचना करने लगे थे। मात्र 14 वर्ष की आयु में 23 मई 1940 को उन्होंने अपने अवतार होने का उद्घोष कर, पना जीवन प्राणी मात्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।

सत्यसाईं बाबा का मानना था कि हर व्यक्ति का कर्तव्य यह सुनिश्चित कराना है कि हर किसी को आजीविका के लिए मूल रूप से जरूरी साधन मिले। सत्यसांई सभी धर्म के लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे। सत्यसाईं बाबा ने 178 देशों में धर्म प्रचार के केंद्र बनाए हैं। उन्होंने अपने जीवन के 85 वर्ष तक शांतिपूर्ण जीवन बिताने वाले सत्य साईं ने 24 अप्रैल 2011 को अपनी देह त्याग कर महाप्रयाण किया। सत्य साईं बाबा ने विश्व को संदेश दिया कि आपस में सब प्रेम करो, सबकी सहायता करो और किसी का बुरा मत करो।

सत्यसाईं के अनमोल विचार जानिए

सत्यसाईं के विषय में कहा जाता है कि वे अपने शिष्यों की पुकार तत्परता से सुनते थे। सच्चे मन से उन्हें याद करने पर उनकी फोटो से अपने आप ही भभूत निकलने लगती है। उन्हें शिर्डी के सांईबाबा का अवतार माना जाता है।

सत्यसाईं बाबा आध्यात्मिक गुरु थे, जिनके संदेश और आशीर्वाद ने पूरी दुनिया के लाखों लोगों को सही नैतिक मूल्यों के साथ सही जीवन जीने की प्रेरणा दी थी। सत्यसाईं बाबा ने सदा अपने भक्तों की मदद की एवं उन्हें अच्छे आदर्श मानने की, अच्छा आचरण करने और मन में अच्छा सेवाभाव बनाए रखने का उपदेश दिया।

उन्होंने कहा था :-

"मैं शिव-शक्ति स्वरूप, शिर्डी के साईं का अवतार हूं। सत्य साईं बाबा ने अपने जीवन काल में बहुत-सी शिक्षण संस्थाओं, अस्पतालों व अन्य मानवसेवा के कार्यों के निर्माण में अपना योगदान दिया। प्रशांति निलयम में बाबा का विश्वस्तरीय अस्पताल और रिसर्च सेंटर करीब 200 एकड़ में फैला हुआ है। पुट्टपर्ती में स्थित इस अस्पताल में 220 बिस्तरों में निःशुल्क सर्जिकल और मेडिकल केयर की सुविधाएं दी जाती हैं। श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंस बेंगलुरू में 333 बिस्तर गरीबों के लिए बनाए गए हैं।

Created On :   21 April 2019 2:25 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story