इस दिन पड़ रही है साल की आखिरी सोमवती अमावस्या, पति की लंबी उम्र के लिए ऐसे रखें व्रत
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व होता है। सोमवती अमावस्या का सुहागिन महिलाएं बेसब्री से इन्तजार करती हैं। सोमवती अमावस्या को बहुत शुभ फलदायी माना गया है। सोमवती अमावस्या को सुहागिन अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं । साथ ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं।
पंचांग के अनुसार इस साल केवल 2 सोमवती अमावस्या पड़ रही हैं। जिसमें पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को थी। दूसरी सोमवती अमावस्या 30 मई के दिन पड़ेगी। फिर इस साल कोई भी सोमवती अमावस्या नहीं पड़ेगी। इसलिए इस का महत्व और भी बढ़ गया है।
सोमवती अमावस्या पूजन विधि
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। फिर पितरों के निमित्त तर्पण करें। अब सुहागिन पीपल के पेड़ की विधि-विधान के साथ पूजा कर के परिक्रमा करें। अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा का बहुत महत्व होता है। माना जाता है कि परिक्रमा से वैवाहिक जीवन सुखी होता है साथ ही पति की आयु लंबी होती है।
सोमवती अमावस्या के लाभ
सोमवती अमावस्या के दिन नदि, कुंड या तालाब में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देने का बहुत महत्व होता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना फलदायी माना गया है। सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना कर के व्रत रखती हैं। कहा जाता है सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
(डिसक्लेमर- पूजन विधि और खास दिन से जुड़ीं बातें पुरानी मान्यताओं के अनुसार लिखी गई हैं। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
Created On :   30 April 2022 2:17 PM IST