धनतेरस पर किस तरह की झाडू़ की करें खरीददारी, आपकी एक गलती से हो सकता है नुकसान
डिजिटल डेस्क,भोपाल। दीपावली की धूम चारों तरफ दिखाई दे रही है। लोगों ने अपने घरों से निकल कर "दीपोत्सव" के लिए खरीदारी करना शुरु कर दिए हैं। दीपावली से पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (छोटी दिवाली) का त्यौहार मनाया जाता है। इस शुभ दिन की मान्यता है की माता लक्ष्मी, धनवंतरी और धन कुबेर की पूजा-अर्चना करने से भक्तों पर इनकी कृपा से धन की कमी नहीं होती है। इस दिन सोना-चांदी, पितल का बर्तन, चांदी का सिक्का, और गोमती चक्र जैसे तमाम चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है । इन तमाम खरीदारी के बाद भी एक ऐसी महत्वपूर्ण वस्तु है, जिसको खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि, धन त्रयोदशी पर "झाड़ु" खरीद कर पूजा करने पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। आइए आपको बताते है की आप किस तरह के झाडू़ की खरीदारी करें,ताकि माता लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहे।
किस तरह की "झाडू़" खरीदें
ऐसी मान्यता हैं की धनतेरस के दिन झांडू़ खरीदने से घर और व्यापार में आर्थिक संपन्नता की वृद्धि होती है।धनतेरस के दिन आपको अपने घर या कार्यालय के लिए केवल छींद के पत्तों,सीक, और फूल से बनी झाडू़ को ही खरीदना चाहिए। इसके साथ ही याद रहे धनतेरस पर खरीदें हुए झाडू़ को किचन और बेडरुम के अलावा पंलग के नीचे या तिजोरी के आस-पास भूल कर ना रखें।अगर ऐसा करते हैं तो इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
झाडू़ "साफ-सुथरा" ही खरीदे
झाडू़ को जब खरीदने जाए तो ध्यान से देखे की झाडू़ पतली या मुरझाई हुई तो नहीं है। झाडू़ वहीं खरीदें, जिसमें तीलियां घनी हो। साथ ही अच्छे कंडीशन में हो। बता दें झाडू़ जितनी घनी होगी उतना ही अच्छा रहेगा। इसके अलावा तीलियां टूटी ना हो, साफ-सूथरा और मजबूत हो।
क्या ना खरीदें
धनतेरस के"शुभ अवसर" पर प्लास्टिक की समान खरीदने से बिल्कुल बचें,और प्लास्टिक की झाडू़ को ना खरीदें। ऐसा माना जाता है की प्लास्टिक अशुध्द धातु है, उन चीजों की खरीदारी से परहेज करे, जो धनतेरस जैसे शुभ अवसर पर फलदायी नहीं है।
क्या करे "पूरानी झाडू़" का
आप अगर धनतेरस पर झाडू घर खरीद कर ले आए हैं तो उस समय उपयोग करने से बचें। पहले अपनी पूरानी झाडू़ की पूजा करे। फिर लाए हुए नए झाडू़ को कुमकुम और अक्षत लगाकर पूजा करें।
ऐसे करे "धनतेरस" की पूजा
धनतेरस की शाम को उत्तर दिशा में मां धनवंतरी और कुबेर की स्थापना करें। माता धनवंतरी और कुबेर के सामने घी का एकमुखी दीप प्रज्वलित करें। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और मां धनवंतरी को पीली मिठाई का भोग चढ़ाए। दोनों का ध्यान लगाते हुए "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" "धन्वंतरी स्तोत्र" का पाठ करें, उसके बाद प्रसाद को परिवार में बाट कर खांए।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   19 Oct 2022 1:47 PM GMT