क्या है घर की पूजा में दीपक जलाने का महत्व?

What is the importance of burning lamp in the house worship?
क्या है घर की पूजा में दीपक जलाने का महत्व?
क्या है घर की पूजा में दीपक जलाने का महत्व?


डिजिटल डेस्क । बहुत कम लोगों को पता है कि पूजा में जलाया जाने वाला दीपक कई प्रकार के ग्रह-दोषों को भी शांत करता है। इसके अतिरिक्त इस दौरान दीपक का प्रयोग किया जाना उस जगह पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके अलावा भी पूजा के दौरान दीपक जलाया जाना कई प्रकार से महत्व रखता है। यही वजह कि हर प्रकार की पूजा में दीपक जलाया जाना अनिवार्य समझा जाता है तथा इसके बिना पूजा-अर्चना अधूरी मानी जाती है। शास्त्रीय मान्यताओं में अलग-अलग भगवान की पूजा में अलग-अलग प्रकार के दीपक जलाए जाने का महत्व बताया गया है जो आपकी मनोकामना भी पूरी कर सकते हैं। आगे हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं।

 

घी का दीपक मां लक्ष्मी को करता है प्रसन्न

 

अगर घर में लगातार आर्थिक समस्याएं बनी रहती हों या धन आने के बावजूद इसका संचय नहीं हो पाता, तो घर के मंदिर या पूजास्थल पर प्रतिदिन सुबह-शाम घी का दीपक जलाना शुरु कर दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा धीरे-धीरे घर में धन का आगमन होने लगता है, साथ ही रोग-व्याधियों जैसी समस्याएं दूर होने लगती हैं। इस प्रकार घर में आय हुए धन का आप पूर्ण उपयोग कर पाएंगे।

 

मंदिर में दिए जलाना के लिए इमेज परिणाम

 

सरसों के तेल का दीपक बढ़ाता है सामाजिक प्रतिष्ठा

- सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। अगर कॅरियर-व्यापार में लोगों के साथ संबंध खराब होने के कारण नुकसान हो रहा हो या ऑफिस में बॉस या सहकर्मियों के साथ आपके मनमुटाव हों तो ऐसे में शनिवार के दिन किसी भी मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा के सामने सरसों तेल का दीपक जलाएं। कुछ ही दिनों में लाभ होगा।

- शत्रु अगर आपको नुकसान पहुंचा रहे हों, तो किसी भी भैरव मंदिर में शनिवार या सोमवार के दिन सरसों तेल का दीपक जलाने से जल्दी ही इससे छुटकारा मिलेगा। शनि दोषों के कारण जीवन में उथल-पुथल हो, तो प्रत्येक शनिवार के दिन पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दीपक अवश्य जलाएं।

 

तेल का दीपक सूर्य दोष को करता है खत्म

प्रसिद्धि तथा सफलता प्राप्ति कुंडली में सूर्य कमजोर होना व्यक्ति को सफलता से जहां दूर ले जाता है, वहीं सामाजिक सम्मान में भी कमी लाता है। ऐसी स्थिति में प्रतिदिन संध्याकाल में तेल का दीपक जलाना जल्द ही ऐसी स्थितियों से मुक्त करता है।

 

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महुए के तेल का दीपक रखे स्वस्थ्य

अगर परिवार का कोई सदस्य बार-बार बीमार पड़ता हो या लंबी बीमारी से पीड़ित हो, तो परिवार के मुखिया या किसी भी सदस्य को घर के मुख्य दरवाजे पर संध्याकाल में महुए के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके अतिरिक्त व्यक्ति अगर स्वयं भी प्रतिदिन सुबह सूर्यदेव को जल का अर्घ्य अर्पित करते हुए उनके समझ तेल का दीपक जलाए तो भी वह रोगों से मुक्त हो जाता है।

 

अलसी के तेल का दीपक राहु-केतु के दुष्प्रभावों को दूर करे

राहु-केतु के दुष्प्रभावों से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में कभी सुख-शांति नहीं मिल पाती। अगर कुंडली में इन ग्रहों की नीच स्थिति हो तो नित्य सुबह या संध्याकाल में अलसी के तेल का दीपक जलाएं। जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।

 

सोलह बातियों दीपक पारिवारिक सुख-शांति बढ़ाए

पारिवारिक सुख-शांति तथा मनोवांछित जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए परिवार में झगड़े-कलह समाप्त ना हो रहे हों, हमेशा किसी ना किसी बात पर पति-पत्नी या परिवार के सदस्यों के बीच अनबन बनी रहती हो, तो भगवान राम की प्रतिमा के सामने घर या मंदिर में घी का दीपक जलाएं। पारिवारिक सुख-शांति के लिए भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष पूजा के बाद सोलह बातियों का प्रयोग करते हुए घी का दीपक जलाएं। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन कृष्ण मंदिर में घी का दीपक जलाने से मनोनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

 

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शिक्षा, व्यवसाय में सफलता तथा आर्थिक संपन्नता के लिए

अध्ययन-कला आदि से जुड़े लोग अगर प्रतिदिन मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने दोमुखी घी का दीपक जलाएं तो उनके ज्ञान तथा कला में निखार आता है। इसी प्रकार बुद्धिदेव भगवान गणेश के सामने तीन बातियों का प्रयोग करते हुए एक घी का दीपक प्रतिदिन जलाएं। जो भी व्यक्ति ऐसा करता है वह अपनी बुद्धि के बल पर प्रसिद्धि और सम्मान पाता है।

आर्थिक समृद्धि प्राप्ति तथा धन वृद्धि के लिए रोजाना मां लक्ष्मी के सामने सातमुखी घी का दीपक जलाएं। जल्द ही आपको आय के नए तथा लाभकारी स्रोत प्राप्त होने लगेंगे।

 

बारहमुखी घी के दीपक से मनोकामनाएं होंगी पूरी

संकटों से मुक्ति के लिए भगवान भोलेनाथ को प्रलय का नाश करने वाला माना जाता है, इसलिए इनकी कृपा प्राप्त व्यक्ति को जीवन में कभी भी बुरे समय का सामना नहीं करना पड़ता या वह बुरे समय से आसानी से निकल जाता है। हर सोमवार को नियमित रूप से बारहमुखी घी का दीपक जलाने से भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न होते हैं। ऐसे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

 

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कैसा हो दीपक?

अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दीपक किस चीज से बना है यह भी महत्वपूर्ण होता है। पीतल, तांबा, सोना तथा चांदी जैसी धातुओं के अलावा विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आटे का दीपक जलाये जाने का भी विधान है। इसमें मनोकामना अनुसार ही आटे का प्रयोग किया जाता है। सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए चावल, गेहूं, उड़द, ज्वार तथा मूंग को मिलाकर आटा बनाएं तथा इससे बना दीपक जलाएं।

मनोकामना पूर्ति के लिए दीपक किस दिशा में जलाया गया है इसका भी अति महत्व होता है। आयु-धन वृद्धि तथा सर्वमनोकामना पूर्ति के लिए उत्तर दिशा में दीपक जलाएं। साथ ही दक्षिण तथा पश्चिम दिशा में दीपक जलाने से हमेशा बचें। शास्त्रानुसार इन दो दिशाओं में दीपक जलाना निषेध है, ऐसा करना दुखों तथा विपत्ति को आमंत्रित करना है।
 

Created On :   22 May 2018 9:30 AM IST

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