विनायक/ विनायकी चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
डिजिटल डेस्क। प्रथम पूज्य कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश की पूजा यूं तो हर मंगल काम को शुरू करने से पहले होती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है, वहीं इन्हें प्रसन्न करने के लिए विनायक/ विनायकी चतुर्थी और संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत भी किया जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 30 नवम्बर, शनिवार यानी के आज है।
इस दिन श्री गणेश का पूजन-अर्चन करना लाभदायी माना गया है। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि...
शुभ मुहूर्त
बता दें कि कई स्थानों पर विनायक चतुर्थी को "वरद विनायक चतुर्थी" के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में की जाती है। इस बार विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 30 नवम्बर (शनिवार) सुबह 11:07 से दोपहर 13:11 बजे तक रहेगा।
महत्व
- ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
- संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
- इसके बाद श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। अब गणेश का प्रिय मंत्र- "ॐ गं गणपतयै नम:" बोलते हुए 21 दूर्वादल चढ़ाएं।
- श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
- पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
- ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
- संध्या के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें।
- संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें तथा "ॐ गणेशाय नम:" मंत्र की माला जपें।
Created On :   29 Nov 2019 10:45 AM IST