हर मिनट लगता है बांकेबिहारी का पर्दा, इनके नेत्र देखने पर चली जाएगी राेशनी
डिजिटल डेस्क, वृंदावन। होली के अवसर पर यहां सबसे ज्यादा धूम होती है। बांके बिहारी मंदिर विश्वविख्यात है। इसमें विशेष नक्कशी की गई है वह भी राजस्थानी शैली में। बांके का अर्थ तीन ओर से मुड़ा हुआ बताया गया है। यहां रखी मुर्ती त्रिभंगा मुद्रा में है। इसलिए मंदिर का नाम बांके बिहारी रखा गया है। इनकी प्रतिमा यहां पर काले रंग की और अत्यंत ही अद्भुत है।
इस प्रतिमा के संबंध में मान्यता है कि इसमें श्री कृष्ण और राधा साक्षात समाए हैं। इस प्रतिमा के संबंध में यह भी बताया जाता है कि स्वामी हरिदास श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। वे उनके भजन निधिवन में गाया करते थे। एक दिन स्वामी जी के सामने देखते ही देखते राधा कृष्ण प्रकट हुए और राधा कृष्ण की छाया में समाहित हो गईं। उसी स्थान पर एक काले रंग की प्रतिमा प्रकट हो गई। इस प्रतिमा को बांके बिहारी नाम दिया गया। इस प्रतिमा के संबंध में कहा जाता है कि यह इतनी मनमोहक है कि जो भी इसे देखता है इस पर से अपनी नजरें नहीं हटा पाता। यह जितनी मनमोहक है उतनी ही रहस्यमयी मानी जाती है।
हालांकि इसे लेकर यह भी कहा जाता है कि अधिक देर तक बांके बिहारी से नजर मिलाना भी किसी के लिए संभव नही है। इस वजह से यहां मौजूद पंडित हर मिनट में मूर्ति के आगे पर्दा करते रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी भक्त की आंखों से इस मूर्ति का मेल हो जाता है तो उसकी आंखों की रोशनी चली जाएगी और वह अपनी सद्बुद्धि खो बैठेगा। एक अन्य कथा के अनुसार एक बार एक भक्त उन्हें देखता रहा आैर बांकेबिहारी उसके लिए गवाही देने अलीगढ़ चले गए। तब से ये नियम बना दिया गया कि हर मिनट में यहां पर्दा लगेगा व खोला जाएगा। वृंदावन में हाेली का त्याेहार धूमधाम से मनाया जाता है। यहां इस पर्व काे लेकर विशेष उत्साह एवं भव्यता देखने मिलती है।
Created On :   22 Feb 2018 3:41 AM GMT