भगवान विष्णु को समर्पित है यह माह, जानें इसका महत्व और नियम
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचाग के अनुसार, हनुमान जयंती के समापन के साथ ही चैत्र महीने का भी समापन हो जाता है और हिंदू कैलेंडर के दूसरे माह, वैशाख की शुरुआत हो जाती है। इस वर्ष (2023) वैशाख माह की शुरुआत 07 अप्रैल को हो रही है और इसका समापन 05 मई 2023 को होगा। इस माह को एक पवित्र माह के रुप में माना गया हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस माह के शुक्ल पक्ष के अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर- नारायण, परशुराम, नरसिंह और ह्रायग्रीव का अवतार हुआ था, इसलिए यह माह भगवान विष्णु को समर्पित है।
ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग की शुरुआत भी त्रेता युग से हुई थी। इस माह में स्नान- दान, जाप और तप करने से करने से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए आज हम आपको बताते हैं वैशाख माह के महत्व और नियम के बारे में।
वैशाख माह का महत्व
पुराणों के अनुसार वैशाख के महीने में भगवान विष्णु की आज्ञा से लोगों के कल्याण हेतु सभी देवी-देवता जल में निवास करते हैं एवं जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले स्नान करता है और व्रत रखता है वह कभी भी दरिद्र नहीं होता। माना जाता है कि समय विभाजन के दौरान ब्रम्हा जी ने वैशाख माह को अत्यंत पवित्र सिद्ध किया है। वैशाख माह में किया गया स्नान, दान, तप, जाप, यज्ञ एवं क्रिया का प्राणियों के मनोकामना पूर्ति के लिए अत्यंत महत्व रखता है। इस माह में गंगा या सरोवर स्नान का विशेष महत्व है। वर्ष में केवल एक बार बांके बिहारी जी के दर्शन भी इस माह में ही होते है।
वैशाख माह के नियम
वैशाख के माह में प्रयास करें कि प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के पहले उठ जाएं एवं गंगा, नदी, सरोवर या शुद्ध जल से स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु की उपासना करें। वैशाख माह में नया तेल लगाना वर्जित माना जाता है। इस माह में एक ही समय पर भोजन करना चाहिए तथा रात में खाना खाने से परहेज करना चाहिए। वैशाख माह में भगवान विष्णु एवं परशुराम जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस महिने श्री बांके बिहारी का दर्शन करना शुभ माना जाता है।
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Created On :   7 April 2023 5:00 PM IST