Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण में इन 10 बातों का रखें ध्यान, साथ ही जानें ग्रहण में दान का महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में आषाढ़ माह की अमावस्या को खास माना जाता है, जो कि इस बार 21 जून रविवार को है। इस वर्ष इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। वैसे तो यह एक खगोलीय घटना है, लेकिन शास्त्रों में इसका एक अलग महत्व है। ऐसे कई कार्य हैं जो ग्रहण के दौरान वर्जित माने जाते हैं, वहीं इस दौरान दान दक्षिणा करना शुभ माना जाता है।
इस सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए लोगों को ग्रहण के समय मन्त्रों का जाप करना चाहिए और साथ ही साथ ग्रहण के बाद में दान-पुण्य भी करना चाहिए। आईए यह जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इस अवधि में दान करने का क्या है महत्व...
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ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- ग्रहण के दौरान खाने से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन पुराने, बीमार रोगियों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह नियम नहीं है।
- ग्रहण के दौरान पानी पीने से भी परहेज किया जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर गुनगुने, उबले पानी को पिया जा सकता है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि UV किरणें भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
- ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए, माना जाता है कि सोने से मनुष्य रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र होता है। हालांकि गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और रोगी आराम कर सकते हैं।
- ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए।
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- ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, ये सब कार्य वर्जित हैं।
- ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
- सूतक काल में कोई पूजा पाठ नहीं किया जाता है ऐसे में सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए।
- मंत्र जप और ध्यान के लिए ग्रहण को बहुत ही शुभ समय माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस अवधि के दौरान किया गया 108 बार जप 10,000 गुना या उससे अधिक के बराबर होता है।
- ग्रहण के बाद कपड़ों सहित स्नान करना चाहिए। साथ ही आसन, गोमुखी व मंदिर में बिछा हुआ कपड़ा सभी को धो दें और गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में करें।
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ग्रहण के दौरान करें दान
सूर्य ग्रहण के दौरान दान पुण्य का फल अक्षय माना गया है। ऐसा कहा गया है कि जिस व्यक्ति को दान का फल मिलता है उसे जीवन में कभी किसी तरह का रोग नहीं होता है।
शास्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभाव को भी सही करने की क्षमता रखता है। दान करने से आपके घर मे शांति और खुशहाली आती है।
यदि आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और घर में पितरों की नाराजगी के चलते द्वेष का माहौल है। तो सूर्य ग्रहण के समय किसी जरूरतमंद व्यक्ति को चमड़े के काले और भूरे रंग के जूते दान करें।
Created On :   20 Jun 2020 3:21 PM IST