भगवान कार्तिकेय की पूजा से घर में आएगी सुख शांति और समृद्धि, जानें विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान कार्तिकेय के लिए किया जाता है। इस व्रत को स्कंद षष्ठी कहा जाता है, जो कि गणेश चतुर्थी के बाद आता है। इस बार यह 15 अक्टूबर, शनिवार को है। आपको बता दें कि, भगवान कार्तिकेय महादेव शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं और उन्हें भगवान गणेश का छोटा भाई माना जाता है। लेकिन उत्तरी भारत में, स्कंद को भगवान गणेश के बड़े भाई के रूप में पूजा जाता है। भगवान स्कंद के अन्य नाम मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्य हैं। स्कंद षष्ठी को कांडा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।
यह पर्व साल भर में 12 बार आता है, इस दिन व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। वहीं भगवान कार्तिकेय जीवन में आने वाली बाधाओं से भी दूर रखते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ हैं उन्हें भी इस दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से लाभ मिलता है।
मान्यता
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:33 से सुबह 05:23 तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:34 से दोपहर 12:20 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:52 से 02:38 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:31 से 05:55 तक
अमृत काल- दोपहर 01:37 से 03:24 तक
पूजा विधि
- सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पूजा आरंभ करें।
- पूजा में चंपा के पुष्प को अवश्य शामिल करें।
- इस दिन संपूर्ण शिव परिवार की भी पूजा की जाती है।
- इस दिन भगवान कार्तिकेय को मिष्ठान और पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
- स्कन्द षष्ठी के दिन व्रतधारी व्यक्तियों को दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए।
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Created On :   14 Oct 2022 5:28 PM GMT