शनि की साढ़े साती या ढैय्या, जानकारों के बताए इन तरीकों से शनि देव को करें प्रसन्न
डिजिटल डेस्क, भोपाल । न्याय और इंसाफ के देवता माने जाने वाले शनिदेव सभी के कर्मों का हिसाब करते हैं। अन्याय करने वालों को दंड भी देते हैं। शनिदेव की पूजा- अर्चना के लिए शनिवार उत्तम दिन माना गया है। शनि भगवान बहुत धीमी चाल से चलते हैं, उसी कारण अगर वो किसी की कुंडली में प्रवेश कर जाएं तो लंबे समय तक उनका प्रभाव बना रहता है। इसलिए शनि देव की चाल से मिलने वाले कष्टों को दूर करने के लिए भी शनिवार के दिन बहुत सारे उपाय किए जाते हैं। तो अगर आप के ऊपर भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है तो शनिवार के दिन इन उपायों को करने से शनि देव के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनि के अशुभ प्रभाव को ऐसे कम करें:
शनिदेव की सच्चे मन से पूजा- अर्चना की जाए तो वो अपने भक्तों पर कोई मुसीबत नहीं आने देते हैं। ऐसे में शनिदेव के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल शनिदेव को दिया जलाना चाहिए। साथ ही ऊँ शं शनैश्चराय नमः का जप करें।
दान करने से आप को शुभ फल मिलता है। शनिवार के दिन सामर्थ्य के अनुसार काले तिल, लोहे, बर्तन, काली उड़द, काला कपड़ा, कंबल, का दान करें इससे शनिदेव प्रसन्न होकर आप पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
शनिवार के दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। फिर आप पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। शनिवार के दिन शाम को पीपल की जड़ में सरसों का दीपक जलाएं।
शनि से संबंधित बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन धारण करें। ये काम बिना ज्योतिष की सलाह के न करें।
कहा जाता है कि शनि देव ने बजरंगबली को ये वरदान दिया था की वो बजरंगबली के भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे। इसलिए शनिवार को हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए।
काले तिल, आटा, शक्कर का मिश्रण बनाकर आप हर शनिवार को चींटियों को खिलाएं। इससे शनि देव के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। शनिवार के दिन भगवान शिव को जल में काला तिल मिलाकर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से आप सभी को गंभीर रोगों से मुक्ति मिलेगी।
डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता।
Created On :   25 Jun 2022 11:42 AM IST