इस खास दिन जानिए महावीर स्वामी के 5 सिद्धांत
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जैन धर्म का प्रमुख त्योहार महावीर जयंती 14 अप्रैल 2022 को है। ये त्योहार पूरे देश में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है। इसके पहले जैन धर्म में 23 तीर्थंकर हो चुके हैं। जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभ देव थे।
जैन धर्म के मुताबिक, महावीर जयंती जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। भगवान महावीर का जन्म ढाई हजार साल पहले चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी को कुण्डलपुर में राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां हुआ था। उनके बचपन का नाम वर्धमान था।
कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती
महावीर जयंती का पावन पर्व बड़े ही उल्लास और हर्षो के साथ मनाया जाता है। महावीर जयंती के दिन प्रातः काल उठकर प्रभात फेरी निकालते हैं। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति के साथ जूलूस निकाला जाता है। और धार्मिक गीत गाए जाते हैं। इसके बाद स्वर्ण और रजत कलश के द्वारा महावीर स्वामी का जलाभिषेक किया जाता है तथा शिखरों पर ध्वजा चढ़ाई जाती है.
जैन धर्म के पांच तत्व
महावीर स्वामी ने जैनियों को जीवन में पांच निग्रहों का पालन करने की सलाह दी थी। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य इन पांच तत्व का पालन करने के लिए महावीर स्वामी ने सभी को प्रेरित किया है।
Created On :   13 April 2022 11:04 AM IST