क्यों कहते हैं भगवान शिव को अनादि, जानिए महादेव से जुड़े 16 रोचक तथ्य

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क्यों कहते हैं भगवान शिव को अनादि, जानिए महादेव से जुड़े 16 रोचक तथ्य
क्यों कहते हैं भगवान शिव को अनादि, जानिए महादेव से जुड़े 16 रोचक तथ्य

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार देवों के महादेव भगवान शिव की आराधना का ये पर्व महाशिवरात्रि 13 फरवरी को मनाया गया। हालांकि पंचांगों में भेद के कारण कुछ क्षेत्रों में यह पर्व 14 फरवरी को भी मनाया जा रहा है। अगर बात करें ज्योतिष की तो उनके अनुसार इस बार 13 फरवरी को ही महाशिवरात्रि पर्व मना लिया गया है। आज इस अवसर हम आपको बता रहे हैं भोले भंडारी भगवान शिव के कुछ ऐसे रोचक तत्व जो आपने शायद ही सुनें हों।

 

  1. ★ भगवान शिव के कोई माता-पिता नहीं है। यही कारण है कि उन्हें अनादि माना गया है। अनादि मतलब जो हमेशा से था और जिसके जन्म की कोई तिथि नहींं।
  2. ★ कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है उसे नटराज कहते है।
  3. ★  किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नहीं होती, लेकिन शिवलिंग चाहे कितना भी टूट जाए फिर भी पूजा जाता है।
  4. ★ शंकर भगवान की एक बहन भी थी अमावरी। जिसे माता पार्वती की जिद्द पर खुद महादेव ने अपनी माया से बनाया था।
  5. ★ भगवान शिव और माता पार्वती के 1 ही पुत्र हैं, जिनका नाम कार्तिकेय है। गणेश भगवान तो मां पार्वती ने अपने उबटन (शरीर पर लगे लेप) से बनाए थे।
  6. ★ भगवान शिव ने गणेश जी का सिर इसलिए काटा था, क्योकिं गणेश ने शिव को पार्वती से मिलने से रोक दिया था। ऐसा करने के लिए भगवान गणेश को उनकी मां पार्वती ने आज्ञा दी थी
  7. ★ भोले बाबा ने तांडव करने के बाद सनकादि के लिए चौदह बार डमरू बजाया था। जिससे माहेश्वर सूत्र यानि संस्कृत व्याकरण का आधार प्रकट हुआ था।
  8. ★  शंकर भगवान पर कभी भी केतकी का फुल नहीं चढ़ाया जाता। क्योंकि यह ब्रह्मा जी के झूठ का गवाह बना था।
  9. ★  शिवलिंग पर बेलपत्र तो लगभग सभी चढ़ाते हैं, लेकिन इसके लिए भी एक ख़ास सावधानी बरतनी पड़ती है कि बिना जल के बेलपत्र नहीं चढ़ाया जा सकता।
  10. ★ शंकर भगवान और शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता। क्योकिं शिव जी ने शंखचूड़ को अपने त्रिशूल से भस्म कर दिया था। आपको बता दें, शंखचूड़ की हड्डियों से ही शंख बना था।
  11. ★ भगवान शिव के गले में जो सांप लिपटा रहता है उसका नाम है वासुकि। यह शेषनाग के बाद नागों का दूसरा राजा था। भगवान शिव ने खुश होकर इसे गले में डालने का वरदान दिया था।
  12. ★  चंद्रमा को भगवान शिव की जटाओं में रहने का वरदान मिला हुआ है।
  13. ★ नंदी, जो शंकर भगवान का वाहन और उसके सभी गणों में सबसे ऊपर भी है। वह असल में शिलाद ऋषि को वरदान में प्राप्त पुत्र था। जो बाद में कठोर तप के कारण नंदी बना था।
  14. ★ गंगा भगवान शिव के सिर से क्यों बहती है ? देवी गंगा को जब धरती पर उतारने की सोची तो एक समस्या आई कि इनके वेग से तो भारी विनाश हो जाएगा। तब शंकर भगवान को मनाया गया कि पहले गंगा को अपनी ज़टाओं में बाँध लें, फिर अलग-अलग दिशाओं से धीरें-धीरें उन्हें धरती पर उतारें।
  15. ★ शंकर भगवान का शरीर नीला इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होने जहर पी लिया था। दरअसल, समुंद्र मंथन के समय 14 चीजें निकली थी। 13 चीजें तो असुरों और देवताओं ने आधी-आधी बाँट ली, लेकिन हलाहल नाम का विष लेने को कोई तैयार नहीं था। ये विष बहुत ही घातक था, इसकी एक बूंद भी धरती पर बड़ी तबाही मचा सकती थी। तब भगवान शिव ने इस विष को पीया था। यहीं से उनका नाम पड़ा नीलकंठ।
  16. ★ भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। इसलिए कहते हैं कि जब तक प्रभु की तीसरी आंख बंद रहेगी तब तक यह संसार सुरक्षित माना गया है।

Created On :   13 Feb 2018 11:02 PM IST

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