जानें भादो माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब है? क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अगर आप महादेव के भक्त हैं, और आप उनको प्रसन्न करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत रखें। प्रदोष व्रत को विशेष फलदायी माना जाता है। हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आते हैं। भाद्रपद माह का दूसरा प्रदोष व्रत 8 सितंबर को गुरुवार के दिन रखा जाएगा। यह प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए ये गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा।
ऐसा माना जाता है, कि जो लोग प्रदोष का व्रत रख शाम के समय महादेव की आराधना करते हैं उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी दोष मिट जाते हैं आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत का मुहूर्त और महत्व।
भादो गुरु प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त
भाद्रपद में 8 सितंबर को प्रात: 12:04 मिनट से आरंभ होगी। त्रियोदशी तिथि का समापन उसी दिन यानी की 8 सितंबर को रात 9 :02 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, यानी कि सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय प्रदोष काल माना जाता है।
गुरु प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - 8 सितंबर शाम 06:40 - रात 08:58 तक
गुरु प्रदोष महत्व
कष्टों से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है। इस व्रत को करने से समस्त दोष खत्म हो जाते हैं। लोगों का मानना है, कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं। भोलेनाथ की कृपा पाने का ये सर्वश्रेष्ठ समय होता है क्योंकि वो इस समय बहुत ही प्रसन्न मुद्रा होते हैं। इसलिए गुरुवार को आने वाला प्रदोष व्रत के प्रभाव से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का वरदान मिलता है।
डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
Created On :   5 Sept 2022 12:52 PM IST