जानिए भगवान नरसिंह की जयंती कब, हर विष्णु भक्त को क्यों और कैसे करनी चाहिए नरसिंह भगवान की पूजा-आरती
डिजिटल डेस्क भोपाल। नरसिंह भगवान कि जयंती हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार के रुप में मनाई जाती है। नरसिंह भगवान विष्णु भगवान के चौथे अवतार हैं। नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु मानव और आधे शेर के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। नरसिंह अवतार में भगवान का चेहरा सिंह की तरह था और शरीर मानव की तरह था। नरसिंह जयंती का त्योहार वैशाख मास के शुक्ल की चतुदर्शी को मनाया जाता है। इसी दिन नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का वध किया था। सभी विष्णु भक्त इस दिन व्रत भी करते हैं। इस बार नरसिंह भगवान कि जयंती 14 मई 2022 को मनाई जा रही है। नरसिंह भगवान सूर्यास्त के समय प्रकट हुए थे। इसलिए सूर्यास्त के समय भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है। नरसिंह जयंती का उद्देश्य अधर्म को दूर करना और धर्म का पालन करना होता है।
विष्णु भगवान ने क्यों लिया अवतार?
धार्मिक गुरु के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिया था। प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप एक राक्षस थे। हिरण्यकश्यप ने अधर्म के सभी सीमायें तोड़ दी थीं। फिर इसके बाद हिरण्यकश्यप ने अपने ही पुत्र प्रहलाद को मारना चाहा था। साथ ही हिरण्यकश्यप ने भगवान ब्रह्मा से ये वरदान मांगा था कि ’’मैं किसी भी निवास के भीतर व बाहर, दिन में व रात में, ना आकाश में व ना जम़ीन पर, ना मानव से व ना जानवर से, ना देव से व ना राक्षस से, मृत्यु को प्राप्त ना हुँ’’। ऐसा वरदान मिलने पर हिरण्यकश्यप अपने को अमर समझने लगा था। भगवान विष्णु का अपमान करने लगा था। पर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहवाद भगवान विष्णु बहुत बड़ा भक्त था। हिरण्यकश्यप को अपने पुत्र की भक्ति को देख कर बहुत गुस्सा आता था। इसलिए हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद का वध करना चाहा। जिसके बाद भगवान विष्णु को नरसिंह अवतार लेना पड़ा।
विष्णु भगवान आरती
आरती कुंजबिहारी की
श्री गोवर्धन महाराज की आरती
श्री खाटू श्यामजी की आरती
श्री कृष्ण की आरती
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं
एकादशी माता की आरती
श्री राधा जी की आरती - कृष्ण ने गाया जो करे निवास
श्री राधा जी की आरती - आरती श्री वृषभानु सूत की
उक्त किसी भी आरती से आप पूजन पूरा कर सकते हैं।
स्तोत्रं
अथ श्री कृष्णाष्टकम्
श्री राधाकृष्णस्तोत्रम् - वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेय
मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
श्री कृष्ण श्लोक - मंडम हसनंतम प्रभाया
Created On :   4 May 2022 12:32 PM IST