जानिए कब और क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा, इन दिन दान करने से मिलती है पापों से मुक्ति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म के अनुसार गंगा को मां का दर्जा दिया गया है, साथ ही गंगाजल को सबसे पवित्र माना गया है। किसी भी कार्य को शुभ करने से पहले गंगाजल का इस्तेमाल जरुर किया जाता है। ऐसा माना जाता है, कि गंगाजल के बिना कोई भी मांगलिक कार्य शुरु नहीं किया जा सकता है। इन मान्यताओं के आधार पर इंसान अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए गंगा दशहरा के दिन गंगा के पवित्र जल में स्नान करते हैं। इसलिए गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। कहा जाता है कि भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए मां गंगा को पृथ्वी पर ले आए थे। इसी लिए मां गंगा को भागीरथी के नाम से भी बुलाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार गंगा दशहरा 10 जून को मनाया जा रहा है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है। तो चलिए आज हम आप को बताते हैं कि गंगा दशहरा का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
गंगा दशहरा पर स्नान का शुभ मुहूर्त
इस बार गंगा दशहरा 9 जून को प्रातः काल 8 बजे से 10 जून की शाम 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। 10 जून को उदया तिथि होने के कारण गंगा दशहरा 10 जून को मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन व्यतिपात योग और हस्त नक्षत्र भी रहेगा। इस योग में दान-पुण्य करना अति लाभदायक होता है।
गंगा दशहरा पर स्नान और दान का महत्व
गंगा दशहरा के दिन सुबह गंगा जी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। इसी के साथ ही गंगा जी में फूल और अक्षत को प्रवाहित कर दिया जाता है। गंगा दशहरा का मतलब 10 बुराईयों का नाश होता है। इसलिए दशहरा के दिन शुद्ध मन से मां गंगा में डुबकी लगाने और दान से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं।
गंगा दशहरा का महत्व
ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से आप को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
डिसक्लेमर- ये जानकारी अलग अलग धार्मिक जानकारी और किताबों के आधार पर है। bhaskarhindi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
Created On :   20 May 2022 11:44 AM IST