श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के प्राकट्य के बाद जयकारों से गूंजी कान्हा नगरी

नंद घर आनंद भयो...जय कन्हैया लाल की... श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के प्राकट्य के बाद जयकारों से गूंजी कान्हा नगरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, जिन्हें भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। घड़ी की सुइयों ने जैसे ही 12 बजाए, मंदिर परिसर ढोल, नगाड़े, झांझ, मजीरे और शंख की ध्वनि से गुंजायमान हो उठे।

वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य रजत कमल पुष्प में विराजमान भगवान का स्वर्ण रजत निर्मित कामधेनु गाय के दूध से प्रथम अभिषेक किया गया। इसके पश्चात शंख के माध्यम से भगवान का दूध, दही, घी, बुरा और शहद से अभिषेक हुआ। भगवान के अभिषेक के बाद आरती की गई। भगवान के 5248 वें जन्मोत्सव पर उनके प्राकट्य होते ही बधाई शुरू हो गई। भक्त कहने लगे...नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।

जन्माष्टमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने लोगों को बधाई दी। 

रानी देवकी और राजा वासुदेव के यहां मध्यरात्रि में मथुरा में एक कालकोठरी में जन्मे, कृष्ण को हिंदू महाकाव्यों में प्रेम, कोमलता और करुणा के देवता के रूप में वर्णित किया गया है। हर साल, यह त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, श्रावण या भाद्रपद में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) को पड़ता है। इस साल जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021 को पड़ी। कुछ लोग इसे 31 अगस्त 2021 को भी मनाएंगे।

 

 

 

 

कुछ तस्वीरें:

भगवान कृष्ण का हुआ जन्म, कामधेनु से अभिषेक

 


अहमदाबाद के इस्कॉन टेंपल में भगवान का अभिषेक



कृष्ण जन्माष्टमी पर सजा द्वारका मंदिर

 

गाय के दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया गया।
गाय के दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया गया।

Created On :   30 Aug 2021 11:26 PM IST

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