श्री राधा रानी मंदिर बरसाना, यहां की हवा में भी होगा होली का खुमार
डिजिटल डेस्क, बरसाना। राधा द्वापर युग में वृषभानु के घर प्रकट हुई थीं। बरसाना की लट्ठमार होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। बरसाना के राधा रानी मंदिर में होली के अनोखे रंग बिखरते हैं। यहां की होली को राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी इस होली के रंग में खुद को रंगता है वह भी राधा-कृष्ण के समान ही प्रेम के रंग में रंग जाता है। कान्हा के आशीर्वाद से उसे जीवन में ढेरों खुशियां प्राप्त होती हैं।
भव्य एवं विशाल मंदिर
श्री राधारानी (श्री जी) का मंदिर उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले से 43 किलोमीटर दूर बरसाना धाम में ब्रह्माचल पर्वत पर स्थित है। यहां राधारानी अपनी सखी ललिता और और विशाखा के साथ विराजी हैं। यह मंदिर जितना भव्य एवं विशाल है उतना ही आकर्षक भी।
ऊंची पहाड़ी पर विराजी हैं राधा रानी
यहां राधारानी को ललि जी और वृषभानु दुलारी कहा जाता है। इस मंदिर या महल को लाडली महल के नाम से भी जाना जाता है। राधा रानी मंदिर करीब ढाई सौ मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना है जिस पर चढ़ने के लिए सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। होली के अवसर पर बरसाना से लेकर मथुरा-वृंदावन तक रंगोत्सव खेला जाता है। कहा जाता है कि इन दिनों यहां की हवा में भी होली का खुमार होता है। पूरी नगरी राधा-कृष्ण की भक्ति के रंग में रंगी नजर आती है।
श्रीकृष्ण ने की थी शुरूआत
यहां खेली जाने वाली होली को लट्ठमार होली कहा जाता है। परंपरागत रूप से नंदगांव और बरसना गांव के लोग होली खेलने एक-दूसरे के गांव जाते हैं। पुराणों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि इस गांव को होली का उपहार भगवान श्रीकृष्ण ने राधा के साथ होली खेलकर दिया था। जिस परंपरा की शुरूआत उन्होंने की थी आज भी उसी का पालन किया जा रहा है। मंदिर में हाेरियारे नाच गायन करके हाेली मनाते हैं।
Created On :   24 Feb 2018 9:04 AM IST