इस साल दिवाली के अगले दिन नहीं होगी ये पूजा, जानें सही दिन, मुहूर्त और पूजा विधि

Govardhan Puja 2022: know date, muhurat and worship method
इस साल दिवाली के अगले दिन नहीं होगी ये पूजा, जानें सही दिन, मुहूर्त और पूजा विधि
गोवर्धन पूजा 2022 इस साल दिवाली के अगले दिन नहीं होगी ये पूजा, जानें सही दिन, मुहूर्त और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली के ठीक एक‌ दिन बाद यानी कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपाद तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। हालांकि, इस बार ये परंपरा टूटने वाली है। दरअसल, इस साल दिवाली के एक दिन बाद यानी कि 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा नहीं होगी। ऐसे में कई लोगों के मन में पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को मनाई जाएगी। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा की बजाय गोवर्धन की पूजा शुरू करवाई थी। इस दिन गोबर घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत की चित्र बनाकर पूजन किया जाता है। इस दिन गायों की सेवा का विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल में माना गया है।

पूजा का समय
प्रतिपदा तिथि आरंभ: 25 अक्टूबर, शाम 06 बजे से
पूजा मुहूर्त: 26 अक्टूबर, सुबह 06 बजकर 36 मिनट से 08 बजकर 55 मिनट तक
 
महत्व
इस दिन गोबर का गोबर्धन बनाया जाता है इसका खास महत्व होता है। इस दिन सुबह-सुबह गाय के गोबर से गोबर्धन बनाया जाता है। यह मनुष्य के आकार के होते हैं। गोबर्धन तैयार करने के बाद उसे फूलों और पेड़ों का डालियों से सजाया जाता है। गोबर्धन को तैयार कर शाम के समय इसकी पूजा की जाती है। इस पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, खील, बताशे आदि उपयोग किया जाता है। गोवर्धन में ओंगा यानि अपामार्ग की डालियां जरूर रखी जाती हैं।

पूजा विधि
- गोवर्धन पूजा के दिन सुबह शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करना चाहिए। 
- घर के द्वार पर गोबर से प्रतीकात्मक गोवर्धन पर्वत बनाएं। 
- इस पर्वत के बीच में पास में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति रख दें। 
- अब गोवर्धन पर्वत और श्री कृष्ण को विधिन्न प्रकार के पकवानों व मिष्ठानों का भोग लगाएं। 
- साथ ही देवराज इंद्र, वरुण, अग्नि और राजा बलि की भी पूजा करें। 
- पूजा के बाद कथा सुनें। 
- प्रसाद के लिए दही और चीनी का मिश्रण बनाएं और सब में बांटे। 
- इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर उसे दान-दक्षिणा दें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   22 Oct 2022 6:01 PM IST

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