क्या आपको पता है भगवान गणेश को क्यों चढ़ाई जाती है दूर्वा, इन नियमों को हमेशा रखें याद

Do you know why Lord Ganesha is offered Durva?
क्या आपको पता है भगवान गणेश को क्यों चढ़ाई जाती है दूर्वा, इन नियमों को हमेशा रखें याद
धर्म क्या आपको पता है भगवान गणेश को क्यों चढ़ाई जाती है दूर्वा, इन नियमों को हमेशा रखें याद

डिजिटल डेस्क, भोपाल । जब भी हम भगवान गणेश की पूजा करते हैं, तो दूर्वा और मोदक का भोग लगाते हैं। क्योंकि इनका एक विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि दूर्वा चढ़ाने से सभी तरह के सुख और संपदा में वृद्धि होती है। बिना दूर्वा के भगवान गणेश की पूजा को अधूरा माना जाता है। तो आज हम आप को बताने जा रहे हैं कि भगवान गणेश को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है? और क्या है इसके पीछे की कथा । 

क्या है कथा?
प्राचीनकाल में अनलासुर नाम का एक राक्षस था। उसने स्वर्ग और धरती पर त्राहि-त्राहि मचा रखी थी। अनलासुर एक ऐसा राक्षस था, जो ऋषियों -मुनि और मनुष्यों को जिंदा निगल जाता था। इस राक्षस के अत्याचारों सभी पुरी तरह से त्रस्त हो गए थे। इसी बात को लेकर सभी देवी-देवता भगवान महादेव के पास पहुंचे। सभी देवी-देवता ने महादेव से प्रार्थना की कि वे अनलासुर नाश करें। तब महादेव ने कहा कि दैत्य अनलासुर का नाश केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं। जिस के बाद गणेश भगवान ने अनलासुर को निगल लिया, जिसके बाद भगवान के पेट में बहुत जलन होने लगी। सभी लोगों ने गणेश भगवान के पेट की जलन को शांत  करने की कोशिश की पर कोई फायदा नहीं हुआ। तब जाकर कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठें बनाकर श्री गणेश को खाने को दीं। यह दूर्वा जब भगवान गणेश ने खाई तो उनके पेट की जलन शांत हुई। कहा जाता है कि श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा तभी से आरंभ हुई। 

भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने के नियम 
कभी भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने से पहले दूर्वा अच्छे से धो लेना चाहिए। 
आप को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए की दूर्वा किसी साफ स्थान पर ही उगी होनी चाहिए। 
हमेशा ही भगवान गणेश को दूर्वा का जोड़ा बनाकर भगवान को चढ़ाएं। 
भगवान गणेश को दूर्वा के 21 जोड़ों को चढ़ाना चाहिए। 
दूर्वा चढ़ाते समय गणेश भगवान के मंत्र को बोलना चाहिए।

गणेश भगवान के मंत्र 

ऊँ गं गणपतेय नम:
ऊँ गणाधिपाय नमः
ऊँ उमापुत्राय नमः
ऊँ विघ्ननाशनाय नमः
ऊँ विनायकाय नमः
ऊँ ईशपुत्राय नमः
ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नम:
ऊँएकदन्ताय नमः
ऊँ इभवक्त्राय नमः
ऊँ मूषकवाहनाय नमः
ऊँ कुमारगुरवे नमः

डिसक्लेमर- ये जानकारी अलग अलग धार्मिक किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Created On :   8 Jun 2022 12:12 PM IST

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