इस विधि से कुबेर देव की पूजा करने पर नहीं रहेगी धन की कमी, त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग में करें खरीदारी  

Dhanteras 2022: Know Muhurta, special coincidence and worship method
इस विधि से कुबेर देव की पूजा करने पर नहीं रहेगी धन की कमी, त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग में करें खरीदारी  
धनतेरस 2022 इस विधि से कुबेर देव की पूजा करने पर नहीं रहेगी धन की कमी, त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग में करें खरीदारी  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन से हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व दीवावली की शुरुआत होती है जिसे पूरे पांच दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि,भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। मान्यता है कि, धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से घर में धन और यश की कमी नहीं रहती। वहीं सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। 

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
त्रिपुष्कर योग में शुभ कार्य करने पर तीन गुना फल मिलता है, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ माना गया है। क्योंकि सर्वार्थ सिद्धि योग पर राहुकाल का भी असर नहीं होता। हालांकि, इस वर्ष धनतेरस तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और ​पूजा विधि के बारे में...

शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 22 अक्टूबर शनिवार, शाम 06 बजकर 02 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समापन: 23 अक्टूबर रविवार, शाम 06 बजकर 03 मिनट तक  
सर्वार्थ सिद्धि योग: 23 अक्टूबर, सुबह 6 बजकर 32 मिनट से दोपहर 2 बजकर 33 मिनट तक
त्रिपुष्कर योग: दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक 

ऐसे करें पूजा
धनतेरस पर अपने घर के पूजा गृह में जाकर ॐ धं धन्वन्तरये नमः मंत्र का 108 बार उच्चारण करें। इसके बाद स्वास्थ्य के भगवान धनवंतरी से अच्छी सेहत की कामना करें। धनवन्तरी की पूजा के बाद सबसे पहले प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश की पूजा करें। इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को दिया अर्पित करें और धूपबत्ती चढ़ाएं। इसके बाद गणेश जी के चरणों में फूल अर्पण करें और मिठाई चढ़ाएं।

इसी तरह लक्ष्मी पूजन करें, लक्ष्मी को फूल और अक्षत के साथ चंदन लगाएं। साथ ही कुबेर देवता की पूजा करें। बाद में दक्षिण दिशा की ओर यमराज को जल दें। तिल का तिल जलाकर सभी की आरती करें। पूजा के पश्चात अनाज का दान करें।

पूजा विधि

1. धनतेरस पूजन के लिए सबसे पहले एक लकड़ी का पट्टा लें और उस पर स्वास्तिक का निशान बना लें।
2. इसके बाद इस पर एक तेल का दिया जला कर रख दें और दिए को किसी चीज से ढक दें।
3. दिए के आस- पास तीन बार गंगा जल छिड़कें।
4.दीपक पर रोली और चावल का तिलक लगाएं।
5. दीपक में थोड़ी सी मिठाई डालकर मीठे का भोग लगाएं।
6. दीपक में 1 रुपया रखें, रुपए चढ़ाकर देवी लक्ष्मी और गणेश जी को अर्पण करें
इसके बाद दीपक को प्रणाम करें और परिवार के लोगों के साथ आशीर्वाद लें।
7. यह दिया अपने घर के मुख्य द्वार पर रख दें, ध्यान रखें कि दिया दक्षिण दिशा की ओर रखा हो।  

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   20 Oct 2022 8:36 PM IST

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